मोदी के गढ़ में हारी कांग्रेस की लंदन रिटर्न उम्मीदवार

अहमदाबाद – गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी जीत दर्ज की है। इस बार का गुजरात चुनाव बीजेपी बनाम कांग्रेस की लड़ाई थी और 2019 लोकसभा चुनाव की दृष्टि से भी इसे काफी अहम माना जा रहा था। यूं तो गुजरात में सभी सीटें अहम थीं, लेकिन इसमें खास थी मणिनगर विधानसभा सीट, जहां कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव लड़ा करते थे। पीएम मोदी के इस गढ़ में सेंध लगाने के लिए कांग्रेस ने विदेश से पढ़कर आईं श्वेता बह्मभट्ट (34) को उम्मीदवार बनाया था, जो कि जबकि बीजेपी के उम्मीदवार सुरेशभाई धनजीभाई पटेल से करीब 75 हजार वोटों से हार गईं। इस सीट पर सुरेशभाई को 1,16,113 वोट मिले हैं, जबकि श्वेता को 40,914 वोट। ब्रह्मभट्ट को उम्मीदवार बनाने पर पार्टी के अंदर ही गुटबाजी शुरू हो गई थी। श्वेता कांग्रेस कार्यकर्ता नरेंद्र ब्रह्मभट्ट की बेटी हैं, जो 2000 में अहमदाबाद नगर निगम चुनाव लड़ा था। श्वेता ने अहमदाबाद से बीबीए की डिग्री लेने के बाद लंदन की वेस्टमिनिस्टर यूनिवर्सिटी से मास्टर की डिग्री हासिल की। वह एचएसबीसी और डाराशॉ में निवेश बैंकर के रूप में जॉब कर चुकी हैं।

दलित नेता जिग्नेश मेवाणी जीते

दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने सोमवार को गुजरात विधानसभा चुनावों में बनासकांठा जिला की वडगाम सीट पर भाजपा के उम्मीदवार विजय चक्रवर्ती को 19696 मतों से हराया। कांग्रेस के समर्थन से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने वाले मेवाणी को 95497 वोट मिले। यह सीट अनुसूचित जाति के उम्मीदवार के लिए आरक्षित थी। चक्रवर्ती को 75801 वोट मिले। जीत हासिल करने के बाद मेवाणी ने प्रचार अभियान में उनकी मदद करने वाले सभी गैरसरकारी संगठनों और राजनीतिक दलों का धन्यवाद दिया। गुजरात में दलित आंदोलन का चेहरा माने जाने वाले मेवाणी ने सोशल मीडिया पर एक संदेश डालकर दावा किया था कि उन्होंने युवाओं और कई आंदोलनकारियों के कहने पर चुनावी जंग में उतरने का फैसला किया।

छठी बार विधायक बने बाहुबली

बीजेपी का गढ़ माने जाने वाले वडोदरा की वाघोडिया सीट पर फिर एक बार भाजपा का परचम लहराया है। यहां से बाहुबली मधु श्रीवास्तव फिर एक बार चुनाव जीत गए हैं। उन्होंने निर्दलीय धर्मेंद्र सिंह वाघेला उर्फ बापू को बड़े अंतर से चुनाव हराया है। मधु इससे पहले भी लगातार पांच बार एमएलए रह चुके हैं। मधु कभी रेलवे में ड्राइवर रह चुके हैं। वह कई गुजराती फिल्मों में भी नजर आ चुके हैं। मधु उनके बारे में ऐसा कहा जाता है कि राजनीति में मधु श्रीवास्तव का रास्ता कोई पार्टी नहीं तय कर सकती। क्योंकि उन्होंने एक नहीं, बल्कि तीन मुख्यमंत्रियों और उनकी पार्टियों को गुजरात में सरकार बनाने में मदद की है। कभी रेलवे ड्राइवर रहे मधु ने 1997 में सबसे पहले शंकर सिंह वाघेला को मुख्यमंत्री बनाने में बड़ा रोल अदा किया। बाद में केशुभाई पटेल और फिर नरेंद्र मोदी को उन्होंने सीएम बनने में समर्थन दिया।

आप की जमानत जब्त

गुजरात चुनावों में इस बार आम आदमी पार्टी ने भी हुंकार भरी थी। आप ने गुजरात की 30 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन आप के सभी उम्मीदवारों को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा है। यहां तक कि पीएम मोदी के गृहनगर में आप उम्मीदवार 400 वोट भी नहीं इकठ्ठा कर सके। पीएम मोदी का गृहनगर वड़नगर, गुजरात के ऊंझा विधानसभा सीट में आती है। आम आदमी पार्टी ने ऊंझा विधानसभा से, रमेशभाई ईश्वरलाल पटेल को टिकट देकर उतारा था। 2015 मे दिल्ली में भाजपा को बुरी तरह हराने वाली आप को उम्मीद थी की ऊंझा की जनता उसका साथ देगी, लेकिन आप उम्मीदवार को यहां तमाम प्रयासों के बाद सिर्फ 387 सीटें ही मिल पाईं। आप ने गुजरात में 30 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे, लेकिन इनका एक भी उम्मीदवार चुनाव में जीत नहीं सका। यहां तक कि पार्टी के 30 के तीसों उम्मीदवार की जमानत जब्त हो गई।

प्रधानमंत्री के घर में हारी भाजपा

गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ी टक्कर के बीच सबसे चौंकाने वाला नतीजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह नगर वड़नगर के तहत आने वाली ऊंझा विधानसभा सीट से सामने आ रहा है। इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार ने भाजपा को करीब 20 हजार के अंतर से चुनाव हराया है। यहां से कांग्रेस की उम्मीदवार आशा पटेल को 81797 वोट मिले, जबकि भाजपा उम्मीदवार, नारायण भाई पटेल को सिर्फ 62268 सीट ही मिले। ऊंझा विधानसभा क्षेत्र में मतदान गुजरात चुनाव के दूसरे चरण में 14 दिसंबर को हुआ था। यहां 93880 पुरुष एवं 80799 महिला मतदाताओं ने अपने मत का इस्तेमाल किया था।