राजपूतों ने किया सूरजपाल का विरोध

स्वाभिमान रैली में रामपाल की रिहाई पर हुई नारेबाजी से भड़का राजपूताना विरासत मंच

पंचकूला— दीपिका पादुकोण की नाक काटने पर दस करोड़ रुपए का इनाम घोषित करने के बाद भाजपा का मीडिया प्रभारी पद खो चुके सूरजपाल अम्मू से राजपूतों ने भी किनारा करते हुए अम्मू के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अम्मू द्वारा शनिवार को पंचकूला में स्वाभिमान रैली के दौरान देशद्रोह के आरोप में बंद रामपाल को रिहा करने की मांग करने बारे राजपूतों को धोखे में रखा। राजपूताना विरासत जागृति मंच की रैली केवल संजय लीला भंसाली द्वारा मां पदमावती के चरित्र पर जो ढेस पहुंचाने की कोशिश फिल्म द्वारा की जा रही है, उसके विरोध में थी। उसके अलावा इस रैली में किसी अन्य मुद्दे पर चर्चा नहीं होनी थी। इसके अब अम्मू से राजपूतों का कोई लेना-देना नहीं है। राजपूताना विरासत जागृति मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष भूम सिंह राणा, राजपूत नेता जितेंद्र राणा, राकेश चौहान, रवि ठाकुर, अरुण राघव, मीडिया प्रभारी विमल सिंह ने पत्रकारों को बताया कि स्वाभिमान रैली में संत रामपाल समर्थकों के पक्ष में नारेबाजी करने के चलते राजपूत समुदाय अम्मू से नाराज है। भूम सिंह राणा सहित अन्य पदाधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि उनका अब से सूरजपाल अम्मू से कोई संबंध नहीं है। 25 दिसंबर को भिवानी में जो रैली करने की घोषणा उनके मंच से की गई थी, उस रैली में राजपूताना विरासत जागृति मंच का कोई सदस्य व पदाधिकारी हिस्सा नहीं लेगा। भूम सिंह राणा ने कहा कि 25 दिसंबर को हरियाणा के हर जिले में राजपूताना विरासत जागृति मंच की ओर से प्रदर्शन किए जाएंगे, संजय लीला भंसाली के पुतले फूंके जाएंगे। जगह-जगह मां पद्मावती पर बनाई गई फिल्म पर हरियाणा में बैन लगाने के लिए प्रदर्शन होगा, यदि हरियाणा में इस फिल्म को बैन नहीं किया गया, तो राजपूत कोई भी कदम उठाने के लिए मजबूर हो जाएंगे। राजपूत नेताओं ने कहा कि उनके मंच को गलत प्रयोग किया।