राज्य के हर 20 किलोमीटर पर कालेज

हरियाणा के सामाजिक न्याय मंत्री कृष्ण कुमार ने निंगानिया विद्या मंदिर स्कूल में दी जानकारी

बरवाला— हरियाणा के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने कहा कि हरियाणा देश का एक मात्र ऐसा राज्य बन गया है जहां सभी जिलों में राजकीय महाविद्यालय स्थापित किए गए  हैं और हर 20 किलोमीटर की दूरी पर कालेज स्थापित किए गए हैं ताकि हमारी बेटियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए दूर ना जाना पड़े। इसके साथ-साथ महिलाओं को रोजगार के समान अवसर प्रदान करने के लिए सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए दस प्रतिशत आरक्षण देने पर भी विचार किया जा रहा है। श्री बेदी पंचकूला के गांव शाहजानपुर में स्थापित निंगानिया विद्या मंदिर स्कूल के वार्षिक कार्यक्रम में  मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के कुशल नेतृत्व वाली हरियाणा सरकार द्वारा अध्यापकों के तबादले की प्रक्रिया को ऑनलाइन करके तबादलों के लिए मुख्यालय पर लगने वाले उनके चक्करों से निजात दिलवाई गई है, जिस पर पूरा देश अमल कर रहा है। आज प्रदेश में नोकरी के लिए सांसदों, विधायकों के पास लगने वाली भीड़ खत्म हो गई है और वही भीड़ अब कोचिंग सेंटरों पर लगती है। इससे यह सिद्ध होता है कि लोगों का मनोहर सरकार में विश्वास है कि इस सरकार में बेइमानी और भृष्टाचार के लिए कोई जगह नही है। उन्होंने कहा कि टीवी और फिल्मों के माध्यम से हरियाणा की छवि को खराब दिखाया जा रहा है, ऐसा दिखाया जा रहा है कि महिलाओं के प्रति होने वाले अपराध सबसे ज्यादा हरियाणा में ही हो रहे हैं जबकि स्थिति इसके बिलकुल विपरीत है। उन्होंने कहा कि आज हरियाणा की लडकीयां प्रदेश का ही नहीं अपितु देश का भी नाम अंतरराष्ट्रीय रोशन कर रही है। उन्होंने कहा कि सुंदरता की प्रतियोगिता में हाल ही में हरियाणा की बेटी मानुषी छिल्लर ने मिस वर्ल्ड का खिताब जीता है। इसके अलावा कुश्ती मुकाबलों में प्रदेश व देश का नाम रोशन करने वाली साक्षी मलिक, माउंट एवरेस्ट चढ़ने वाली संतोष यादव और ब्रह्मांड पर जाने वाली पहली महिला कल्पना चावला हरियाणा से ही तो थीं और हमें अपनी बेटियों में गर्व है। उन्होंने कहा कि आज चाहे विकास होए रोजगार के अवसर हों या शिक्षाए खेल का क्षेत्र हो हरियाणा हर तरफ से आगे बढ़ रहा है। श्री बेदी ने कहा कि एक समय था जब फिल्मों, नाटकों और रामलीला में महिलाओं का पात्र पुरुष ही करते थे, आज के बदलते परिवेश में महिलाएं आगे आई हैं।