राज्य में 200 से ज्यादा मस्जिदें

शिमला— हिमाचल में मस्जिदों का निर्माण लगातार बढ़ रहा है। पिछले डेढ़ दशक में इनकी संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है। कई मस्जिदें ऐसी हैं, जो कि वक्फ बोर्ड के अधीन सरकारी दायरे में आती हैं, परंतु अनगिनत मस्जिदें ऐसी हैं, जिनका निर्माण खुद लोगों ने किया है। जहां पर भी मुस्लिम आबादी बढ़ी है, वहां मस्जिदों का निर्माण भी हुआ है, जो कि लगातार जारी है। डेढ़ दशक में मस्जिदों की संख्या 100 से बढ़कर 250 तक पहुंच गई है। सिरमौर जिला में सबसे अधिक मुस्लिम हैं, जो कि राजनीतिक तौर पर भी प्रभावित करते हैं। यहां 25 से 30 मस्जिदें हैं, जहां नाहन में ही सात मस्जिदें हैं। नालागढ़ व बद्दी एरिया में एक बड़ी संख्या मुसलमानों की है, जहां आबादी के हिसाब से ही मस्जिदों का भी निर्माण हुआ है। यहां पर भी 30 से अधिक मस्जिदें बताई जाती हैं। राज्य में 200 से अधिक मस्जिदें हो सकती हैं, जिसमें से 102 मस्जिदें वक्फ बोर्ड के अधीन हैं। शिमला शहर में सालों पुरानी आधा दर्जन से अधिक मस्जिदें हैं। शहर में ईदगाह में एक नई मस्जिद का निर्माण किया गया है, जिसका विस्तार लगातार हो रहा है, वहीं कुसुम्पटी में भी एक नई मस्जिद बनाई जा रही है। जिला में मस्जिदों की संख्या 25 से 30 के आसपास हो चुकी है। बिलासपुर के साथ गेहड़वी व घुमारवीं  में भी मस्जिदों के निर्माण हुए हैं। सुंदरनगर के कुछ क्षेत्रों में भी मस्जिदें बनाई गई हैं। चंबा जिला में इस समय करीब 22 से ज्यादा मस्जिदें शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में हैं। इनमें से अधिकांश का निर्माण 10 साल के दौरान हुआ है। इसी तरह से कुल्लू जिला में भी पिछले 10 साल में ही मस्जिद का निर्माण हुआ, जहां पर पहले कोई मस्जिद नहीं थी। मंडी जिला में एक दर्जन से अधिक मस्जिदें हैं। कांगड़ा व ऊना जिला में भी मस्जिदें मौजूद हैं। कई जगहों पर मदरसों में ही मस्जिदों का काम भी चलता है।

प्रदेश के नामी मदरसे

प्रदेश के नामी मदरसे मिस्रवाला, नालागढ़ व शिमला में हैं, जहां पर मस्जिद व मदरसा एक साथ हैं। वक्फ बोर्ड की जानकारी के अलावा भी लोगों ने अपने स्तर पर मस्जिदें बनाई हैं।