डा. सत्येंद्र शर्मा, चिंबलहार, पालमपुर
बहुत नाक में दम किया, बहुत किया अंधेर,
अंगुली टेढ़ी कीजिए, मत करिए अब देर।
फिर ओसामा की तरह, फैलाएं अब जाल,
सबक मिले नापाक को, चलें ट्रंप की चाल।
बहुत कर चुके सब्र, अब बहुत बख्श दी जान,
दहशत को अब नरक में, दें पूरा सम्मान।
उचित समय अब आ गया, समय न हो बर्बाद,
हक्कानी, हाफिज मिटें, दुनिया रखे याद।
विषधर, जहरीला बड़ा, फन पर मारें चोट,
जडें़ खोदें आतंक की, खिसका दें लंगोट।
कोड़े पर कोड़े पड़े, निकल रही है चीख,
फटा कटोरा हाथ में, नहीं पड़ रही भीख।
जिन्हें झुलाया पालना, वे करते बर्बाद,
नक्शे से मिटने चला,अब इस्लामाबाद।
थप्पड़ मारा ट्रंप ने, नशा हुआ काफूर,
वाशिंगटन लाहौर से, एक कदम बस दूर।
चीनी मां कब तक मनाए, नित बकरे की खैर,
हाफिज को करवाएंगे, अब दोजख की सैर।
दृष्टिकोण बदला नहीं, दृष्टिहीन है पाक,
पूरी दुनिया जानती, ट्रंप करेंगे खाक।