औषधीय पौधों की खेती पर प्रशिक्षण

शिमला — हिमालयन वन अनुसंधान संस्थान, शिमला द्वारा कृषि विज्ञान केंद्र के सहयोग से जम्मू क्षेत्र के किसानों की आय बढ़ाने के लिए औषधीय एवं सुगंधित पौधों की खेती की संभावना और महत्त्व विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुक्रवार को कृषि विज्ञान केंद्र जम्मू में किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम जम्मू क्षेत्र के विभिन्न जिलों के लगभग 80 किसानों ने भाग लिया। प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान एवं तकनीकी विश्वविद्यालय के निदेशक (अनुसंधान), डा. जेपी शर्मा ने कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश है तथा यहां के किसान त्याग और तपस्या का दूसरा नाम है । डा. जेपी शर्मा ने कहा कि किसानों की आय बढ़ने में औषधीय पौधे अहम भूमिका निभा सकते हैं। जम्मू क्षेत्र में इन पौधों के कृषिकरण की अपार संभावनाएं हैं। हिमालयन वन अनुसंधान संस्थान शिमला, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन, भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद,  देहरादून का एक क्षेत्रीय संस्थान है तथा पश्चिमी हिमालय राज्यों हिमाचल प्रदेश तथा जम्मू-कश्मीर में वानिकी एवं वानिकी अनुसंधान के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण कार्य कर रहा है।