कुल्लू के 17 प्राइमरी स्कूल जल्द होंगे बंद

कुल्लू – कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में जमकर खोले गए सरकारी स्कूलों को अब प्रदेश सरकार जल्द बंद करने वाली है। जी हां, कांग्रेस सरकार ने बच्चों की सुविधा के लिए कई सरकारी स्कूल खोले थे, लेकिन स्कूलों में बच्चों की संख्या कम होने के चलते अब इनके अस्तित्व पर सवाल उठने लगे हैं। ऐसे में जयराम सरकार ने शिक्षा विभाग से उन सभी स्कूलों की रिपोर्ट मांगी है, जिनमें छात्रों की संख्या बेहद कम है। जिला कुल्लू से भी शिक्षा विभाग की ओर से 17 स्कूलों की सूची सरकार को भेजी गई है, जिनमें छात्रों की संख्या एक या दो और अधिकतम पांच है। बता दें कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों की हालत किसी से छिपी नहीं है। वर्तमान में हालत यह है कि कई स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या लगातार गिर रही है और इनमें पांच से भी कम विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। शिक्षा विभाग कुल्लू के शिक्षा उपनिदेशक एलिमेंटरी ने ऐसे ही करीब 17 प्राथमिक स्कूलों की सूची तैयार कर शिक्षा निदेशक को भेज दी है। इन स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या एक से पांच के बीच है। 10 ऐसे माध्यमिक स्कूल भी हैं, जिनमें 10 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इनमें से एक स्कूल ऐसा भी है, जहां पर बच्चों की संख्या शून्य है। लिहाजा, शिक्षा विभाग कुल्लू ने इन प्राथमिक और मिडल स्कूलों को बंद कर उन्हें समीप के स्कूलों के साथ मर्ज करने की प्रोपोजल भेजी है। यदि शिक्षा निदेशक और सरकार की ओर से इस सूची को स्वीकृत किया गया तो कुल्लू के ऐसे प्राथमिक और मिडल स्कूलों में ताला लटक सकता है।  इन स्कूलों को एक से लेकर 11 किलोमीटर तक दूर के स्कूलों के साथ मर्ज करने की योजना है। इस सूची में उन स्कूलों के नाम और दूरी भी दर्ज है, जिनके साथ बंद होने वाले स्कूलों को मर्ज किया जा सकता है।

इन स्कूलों पर लटक सकता है ताला

आनी उपमंडल के धार, वागी, करकी, निरमंड से मोईन, चंबू, ईशवर-1, रठौह, कांठा, पौखणी, थड़ेधार स्कूल छात्रों की कम संख्या वाले स्कूलों में शामिल हैं। इसी के साथ कुल्लू नग्गर ब्लॉक से शांगचर, नियालग, घुआड़, कुल्लू ब्लॉक से समालंग, खोपरी, ढली, भूंतर से मासू शामिल है। बता दें कि मासू स्कूल में दो छात्र की शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं और थड़ेधार में एक छात्र ही शिक्षा ग्रहण कर रहा है।