गिरफ्तारी से पहले दो अधिकारी बेल आउट

मंडी नौबाही माता मंदिर फर्जीबाड़ा

सुंदरनगर  – मंडी के शक्तिपीठ नौबाही माता मंदिर में फर्जीबाड़े के मामले में गिरफ्तारियां होने से पहले ही दो अधिकारियों ने अग्रिम में जमानत ले ली है। जाली रसीदों से मंदिर के चंदा उगाही में मंदिर का नियंत्रण कर रहे फर्जीबाड़े में राजस्व विभाग के अधिकारियों की संलिप्तता रही है। जानकारी के अनुसार तहसीलदार सहित कानूनगो ने बेल ली है। दोनों सीआईडी को पूछताछ में सहयोग करेंगे। मामले में और अधिकारियों की भी गिरफ्तारी हो सकती है। सीआईडी विंग के डीएसपी मनोहर लाल ने कहा कि मामले में संलिप्त अधिकारियों व कर्मचारियों की गिरफ्तारी तय है। दो अधिकारी बेल आउट हुए हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के भ्रष्टाचार मामले में जीरोे टॉलरेंस का दावे से नौबाही माता मंदिर बचाओ संघर्ष समिति को आस जगी है। मामले में जांच की मांग कर रही समिति के मंदिर के चंदे को जाली रसीदें छपवाकर फर्जीबाड़ा किया गया है। मंदिर बचाओ संघर्ष समिति के सदस्य अमित व प्रवीण ने कहा कि साल में लाखों की आमदनी वाले इस मंदिर का प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने 28 मार्च, 2007 को अधिग्रहण किया था। आरोप है कि अधिग्रहण के बाद इसमें विकास की एक ईंट तक नहीं लगी और इसके चलते ही मार्च, 2016 में एक बड़े घोटाले का पटाक्षेप हो गया। पानी सिर के ऊपर जाने पर समिति की मांग पर सरकार ने जांच सीआईडी को सौंप दी, सीआईडी ने 11 मार्च, 2016 को तीन एफआईआर दर्ज की, जिसके चलते दो साल के बाद गिरफ्तारी तय हो रही है। सीआईडी डीएसपी मनोहर लाल ने कहा कि इंस्पेक्टर राजकुमार को केस की पैरवी सौंपी गई है। राजस्व विभाग के चार लोगों के खिलाफ आरोप तय हुए हैं। जल्द ही चारों को गिरफ्तार किया जाएगा।