जो भी मिलेगा, इसी मुल्क से मिलेगा और कहीं से नहीं

श्रीनगर— जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को अप्रत्यक्ष रूप से कश्मीर के अलगाववादियों पर निशाना साधा। पाकिस्तान का नाम न लेते हुए मुफ्ती ने इशारों में कहा कि जो भी मिलेगा, वह इसी मुल्क से मिलेगा और कहीं से कुछ नहीं मिलेगा। इस दौरान उन्होंने सख्त लहजे में यह भी पूछा कि जम्मू-कश्मीर के संविधान को नहीं मानते, देश के संविधान को नहीं मानते तो फिर आप किसको मानते हैं? विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सीएम महबूबा ने इशारों में ही अलगाववादियों को कड़ा संदेश दिया। महबूबा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के जो भी लोग हैं, उनके लिए मैं आज यह बात रिकार्ड पर लाना चाहती हूं। मैं बता देना चाहती हूं कि जो भी मिलेगा वह इसी मुल्क से मिलेगा और कहीं से कुछ भी नहीं मिलेगा। इस दौरान सीएम ने सवाल भी किया। पूछा कि हम जम्मू-कश्मीर और देश के संविधान को ही नहीं मानते तो किसको मानते हैं? फिर आपको मिलने वाला क्या है? कहां से मिलेगा? इसके बाद महबूबा ने खुद ही जवाब देते हुए कहा कि यह जान लीजिए कि जो भी मिलेगा इसी मुल्क से मिलेगा और कहीं से नहीं। इस दौरान महबूबा ने विपक्ष को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि राजनीतिक मुद्दों को धार्मिक मुद्दा न बनाया जाए। पीडीपी-बीजेपी गठबंधन पर उठ रहे सवालों पर महबूबा ने कहा कि देश भर में क्या हो रहा है, क्या नहीं हो रहा है, इससे इतर मैं बस यह कहना चाहती हूं कि यहां हमारे बीच बेहतर तालमेल है। मुझे अच्छा लगता है जब सुबह मंदिर की घंटी, उसके बाद अजान और दिन में गुरबानी सुनने को मिले। इस दौरान महबूबा ने जीएसटी के मुद्दे को भी विधानसभा में उठाया। सीएम ने कहा कि हम सबसे सशक्त विधानसभा में बैठे हैं। जम्मू-कश्मीर को छोड़कर पूरे देश में एक साथ जीएसटी लागू हुआ। यहां उचित बहस के बाद ही जीएसटी लागू होगा। बता दें कि मंगलवार को शीतकालीन सत्र के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने महबूबा सरकार पर जमकर निशाना साधा था।