तीन प्राकृतिक खंडों में बंटा है हिमाचल प्रदेश

लो हिमालय रिजन को शिवालिक या बाहरी हिमालय खंड भी कहा जा सकता है। इसमें हिमाचल क्षेत्रों की शिवालिक की सारी शिवालिक तराई और बाहरी हिमालय में पड़ने वाले क्षेत्र शामिल किए जा सकते हैं…

गतांक से आगे…

प्राकृतिक खंड

हिमाचल प्रदेश को अभी तक अधिकृत भौगोलिक खंडों में नहीं बांटा गया है। प्रदेश की भौगोलिक विभिन्नताओं जैसे कि विभिन्न क्षेत्रों की समुद्रतल से विभिन्न असंतुलित ऊंचाई जो 350 मीटर से 7000 मीटर तक उठती है, अति असमान अंतर वाली पर्वत शृंखलाओं अति गर्म से सर्वदा बर्फ जमी रहने वाले क्षेत्रों की विद्यमानता, सांस्कृतिक भिन्नता, जलवायु की विभिन्नता आदि ऐसे पहलू हैं, जिनके कारण ऐसा करना काफी कठिन कार्य है। फिर भी विभिन्न भूगोलकारों द्वारा  इस दिशा में किए गए प्रयत्नों के आधार पर हिमाचल प्रदेश को निम्न तीन प्राकृतिक खंडों में विभाजित किया जा सकता है।

निम्न हिमालय खंड (लो हिमालय रिजन)

इसे शिवालिक या बाहरी हिमालय खंड भी कहा जा सकता है। इसमें हिमाचल क्षेत्रों की शिवालिक की सारी शिवालिक तराई और बाहरी हिमालय में पड़ने वाले क्षेत्र शामिल किए जा सकते हैं।  शिवालिक तराई में पड़ने वाले क्षेत्र ऊना, जसवां, हलूण, धामी, नालागढ़, क्यारदा दून की  घाटियां, बिलासपुर, हमीरपुर और कांगड़ा के पश्चिमी भाग शामिल किए जा सकते हैं। बाहरी या बाह्य हिमालय के इस ख्ांड में पड़ने वाले क्षेत्र कांगड़ा के दक्षिणी भाग चंबा का भटियात, हमीरपुर का पूर्वी भाग मंडी के  जांगिद्रनगर, सरकाघाट, बल्ह और सुंदरनगर, अर्की, कुनिहार व सिरमौर के आदि मध्य भाग हैं।