नशीले उत्पाद बेचे तो खैर नहीं

यमुनानगर – तंबाकू विरोधी कानून भारत सरकार ने दो अक्तूबर, 2008 से लागू किया था। सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम के तहत स्वास्थ्य सेवाएं हरियाणा द्वारा जारी की गई अधिसूचनाओं के अनुसार सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पादों के उत्पादन, व्यापार, आपूर्ति एवं वितरण से संबंधी विज्ञापनों पर पूर्ण रूप से रोक लगाई हुई है। उपायुक्त रोहतास सिंह खरब ने बताया कि सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम, 2003 की धारा-चार के तहत कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक स्थानों पर बीड़ी एवं सिगरेट नहीं पी सकता व धारा-पांच के तहत तंबाकू एवं तंबाकू से बने अन्य उत्पादनों से संबंधित विज्ञापनों पर पूर्ण रूप से रोक लगाई गई है व किसी भी स्थान पर तंबाकू व तंबाकू से बने उत्पादों के विज्ञापनों हेतु होर्डिंग्स एवं बैनर नहीं लगाए जा सकते। उपायुक्त ने बताया कि अधिनियम की धारा-छह, के तहत कोई भी व्यक्ति 18 वर्ष से कम आयु के किसी भी नाबालिक बच्चे को बीड़ी सिगरेट तथा तंबाकू से बना कोई भी नशीला उत्पाद नहीं बेच सकता है। सार्वजनिक स्थानों, बसों, कार्यालयों आदि में बीड़ी, सिगरेट व नशीली वस्तुओं का सेवन न करें, क्योंकि इससे पर्यावरण दूषित होता है और स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है। उपायुक्त रोहतास सिंह खरब ने जिला प्रशासन के सभी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने कार्यालयों में धूम्रपान पर पूर्ण प्रतिबंध लगाएं और जो अधिकारी एवं कर्मचारी धूम्रपान आदि करें, तो उस पर निर्धारित जुर्माना कर जुर्माने की राशि सिविल सर्जन कार्यालय में इसकी सूचना देकर जमा करवाएं। शिक्षण संस्थानों के बाहर कोई व्यक्तितंबाकू उत्पादों की बिक्री करता है, तो उसका भी तुरंत प्रभाव से चालान करें।