नशे में हिमाचल का नया रिकार्ड

एनडीपीएस एक्ट के तहत एक साल में हजार से ज्यादा केस दर्ज

पालमपुर – प्रदेश पुलिस द्वारा अवैध नशे के खिलाफ छेड़ी गई मुहिम के चलते एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज किए गए मामलों ने पिछले सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। एक दशक में यह पहला मौका है, जब प्रदेश में एनडीपीएस के तहत दर्ज किए गए मामलों का आंकड़ा एक हजार पार कर गया है। पिछले साल प्रदेश के विभिन्न थानों में मादक पदार्थ अधिनियम के तहत कुल 1010 मामले दर्ज किए गए। आंकड़े बताते हैं कि 2006 में प्रदेश में एनडीपीएस के तहत 385, 2007 में 243, 2008 में 374, 2009 में 473, 2010 में 596, 2011 में 570, 2012 में 513, 2013 में 531, 2014 में 644, 2015 में 622, 2016 में 919 मामले दर्ज किए गए थे। पिछले साल चार जिलों में एनडीपीएस के तहत दर्ज मामलों की संख्या सौ से अधिक रही, वहीं कांगड़ा में 200 से अधिक मामले दर्ज किए गए। 2017 में एनडीपीएस के तहत दर्ज किए गए मामलों में कांगड़ा सबसे आगे है, जहां कुल 245 मामले सामने आए हैं। एनडीपीएस के तहत दर्ज मामलों की संख्या के आधार पर कुल्लू जिला दूसरे स्थान पर है, जहां 134 मामले दर्ज किए गए। शिमला में 131 और मंडी में 127 मामले दर्ज किए गए। लाहुल-स्पीति में केवल तीन मामले इस दौरान सामने आए। पिछले साल पुलिस ने 307 किलो चरस के साथ भारी मात्रा में अन्य मदाक पदार्थ बरामद किए। बहरहाल, प्रदेश में बढ़ रहे नशे के कारोबार से युवा भी नशे की गर्त में जा रहे हैं।

2017 में एक्साइज के 2795 केस

2017 में प्रदेश में एक्साइज के तहत 2795 मामले दर्ज किए गए, कांगड़ा में सबसे अधिक 669 मामले दर्ज हुए। शिमला में 384, मंडी में 319 और चंबा में अब तक 244 मामले दर्ज किए गए। इस सूची में सबसे कम मामले किन्नौर में 51 और लाहुल-स्पीति में 56 दर्ज किए गए। पिछले साल फोरेस्ट एक्ट के तहत प्रदेश में दर्ज मामलों की संख्या 168 रही, जिनमें सबसे अधिक 40 मामले सिरमौर में सामने आए। इस सूची में 20 दर्ज मामलों के साथ जिला ऊना दूसरे और 19 मामलों के साथ जिला कांगड़ा तीसरे स्थान पर रहा, जबकि किन्नौर में एक और जिला हमीरपुर में केवल दो मामले सामने आए।