पीडीएस की गेहूं पिसाई में खामियां

मंडी – प्रदेश के कुटीर उद्योग के रूप में काम कर रहे आटा चक्की मालिकों ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली की गेहूं की पिसाई में अनियमितता बरतने पर आवाज बुलंद कर दी है। उक्त मालिकों ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व खाद्य आपूर्ति मंत्री किशन कपूर को समस्या को हल करने के लिए शिकायत भेजी है। गौरतलब है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत सरकार 100 किलोवाट लोड से ज्यादा लोड वाले मिल मालिकों को पिसाई के लिए गेहूं देती है। इसमें 100 किलो गेहूं देकर 94 किलो आटा वापस लेती है व छह किलो चोकर के रूप में छूट दी जाती है। इसके अलावा 70 रुपए प्रति क्विंटल पिसाई के लिए दिए जाते हैं, जबकि 50-50 किलो के दो बैगों में दी जाने वाली एक क्विंटल गेहूं के साथ जो बोरी होती है, वह भी फ्री दी जाती है। इन हजारों कुटीर उद्योग के तहत चक्की चलाने वाले 20, 30 या 40 किलोवाट लोड या सिंगल फेज लोड वाले होते हैं। उन्होंने कहा है कि पिसाई के बाद जो आटा सरकार के माध्यम से उपभोक्ताओं को सप्लाई किया जा रहा है, एक तो उसमें तय सीमा से ज्यादा नमी है, जिससे यह जाहिर होता है कि वजन बढ़ाने के लिए यह नमी डाली जा रही है। दूसरे आटे में चोकर मिलाकर चोकर, जो फ्री होता व छह प्रतिशत छूट में आता है, को भी आटे के भाव बेचा जा रहा है। गौरतलब है कि ऐसी कई शिकायतें उपभोक्ताओं की ओर से आई हैं कि डिपुओं के माध्यम से दिए जा रहे आटे में चोकर बहुत अधिक निकल रहा है। अब एक तरफ नमी, दूसरी तरफ चोकर और फिर निःशुल्क मिल रही बोरी भी 14-15 रुपए की मार्केट में बिक जाती है। कुटीर उद्योग लगाकर खुले बाजार से गेहूं खरीद कर आटा बेच रहे उद्यमी खत्म हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि छोटे उद्यमियों ने बैंकों से कर्जे लेकर यह काम शुरू किए हैं।

आटा नहीं, गेहूं ही बांटा जाए

आटा चक्की मालिकों ने सरकार से मांग की गई है कि मिल मालिकों से सरकार एक क्विंटल के पीछे छह किलोग्राम चोकर वापस ले व इसे पशुओं की फीड बनाने वाले कारखानों को सप्लाई करे या फिर गेहूं पिसाई का सिस्टम खत्म करके उपभोक्ताओं को उनकी श्रेणी के अनुसार सीधे गेहूं ही वितरित किया जाए, ताकि वह अपनी मर्जी से पिसवा सकें। इससे सरकार पर जो पिसाई का बोझ पड़ता है, वह भी खत्म होगा। वहीं उन्होंने मांग की है कि यदि ऐसा न हो सके, तो जिन्हें पीडीएस की गेहूं पिसाई के लिए दी जाती है,  उन पर खुले बाजार आटा बेचने पर प्रतिबंध लगाया जाए।