प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक 27 को

शिमला— हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक 27 जनवरी को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में बुलाई गई है। बैठक में कई महत्त्वपूर्ण फैसले लिए जा सकते हैं। जानकारी के मुताबिक अरसे से लंबित पड़े 2000 मेगावाट के लगभग 31 हाइडल प्रोजेक्ट्स के आबंटन को मंत्रिमंडल मंजूरी दे सकता है। प्रदेश की ऊर्जा नीति में मौजूदा सरकार को कई खोट दिख रहे हैं। लिहाजा इसमें या तो संशोधन या फिर नए सिरे से ऊर्जा नीति तैयार करने का निर्णय लिया जा सकता है। जयराम सरकार को सत्ता में आए हुए लगभग 26 दिन का समय हो चुका है, मगर अभी भी पिछली सरकार के दौरान की गई एचआरटीसी की कंडक्टर व पुलिस भर्तियों को लेकर असमंजस की स्थिति देखने को मिल रही है। हालांकि सूत्रों का दावा है कि ये दोनों ही भर्तियां रद्द हो सकती है, मगर मंत्रिमंडल की बैठक में चर्चा के बाद ही इस पर किसी तरह का अंतिम निर्णय लिए जाने की सूचना है। प्रदेश सरकार शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर गंभीर दिख रही है।  विपक्ष में रहते हुए भी भाजपा ने इसे बड़े मुद्दे के तौर पर उठाया था। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर बजट सत्र के दौरान हुई चर्चा के दौरान शिक्षा विषय पर काफी देर तक बोले थे। उन्होंने शिक्षा की गुणवत्ता के साथ-साथ नए खोले जाने वाले स्कूलों को लेकर भी अपनी राय दी थी। प्रदेश के शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने भी इसी बारे में सदन के भीतर आधे घंटे से भी ज्यादा विचार रखे थे। अब फिर से उन्होंने संकेत दिए हैं कि शिक्षा की गुणवत्ता कायम करने के लिए कुछ ठोस कदम उठाए जा सकते हैं। लिहाजा ऐसे स्कूल साथ लगते अन्य स्कूलों में मर्ज किए जा सकते हैं, जहां छात्र संख्या तो नाममात्र की है, मगर स्टाफ आर्थिक बोझ बन रहा है। यही नहीं, प्रयोगशाला के साथ-साथ कौशल विकास को लेकर भी कुछ नए ऐलान सुनने को मिल सकते हैं। अभी तक मंत्रिमंडल की दो बैठकें हो चुकी हैं। इनमें जनहित के मुद्दों को तवज्जो दी जाती रही है। जानकार सूत्रों का कहना है कि इस बार की बैठक में ग्रामीण व पंचायत स्तर पर बड़े फैसले सुनने को मिल सकते हैं। यही नहीं, सेटलमेंट प्रक्रिया के लिए पटवारियों की नियुक्ति का भी निर्णय हो सकता है, वहीं पिछली सरकार के कुछ बड़े निर्णयों को भी रोल बैक किया जा सकता है।

बीवरेज पर भी फैसला

मंत्रिमंडल की बैठक में विवादित बीवरेज कारपोरेशन का भविष्य भी तय हो सकता है या फिर इसे और मजबूत बनाने के लिए चर्चा के बाद नया फैसला हो सकता है।