प्रदेश में पोलियो अभियान का लक्ष्य छिटका

स्वास्थ्य विभाग का छह लाख 72 हजार 841 नौनिहालों को दवाई पिलाने का टारगेट नहीं हुआ सफल

शिमला— हिमाचल प्रदेश में भले ही स्वास्थ्य विभाग ने पल्स पोलियो अभियान को कामयाब बनाने के लिए कई प्रयास किए हों, लेकिन भारत सरकार की ओर से मिले पोलियो पिलाने के टारगेट को इस चरण में विभाग पूरा नहीं कर पाया। जानकारी के अनुसार प्रदेश स्वास्थ्य विभाग को छह लाख 72 हजार 841 नौनिहालों को पल्स पोलियो की बूंदें पिलाने का टारगेट दिया था। प्रदेश की आर्थिक व भौगोलिक स्थिति के मद्देनजर विभाग इस चरण में इस टारगेट को पूरा करने में असफल रहा। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने भारत सरकार की ओर से मिले टारगेट में पहले चरण में छह लाख 46 हजार नौनिहालों को दवाई पिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया था, लेकिन हैरानी की बात है कि विभाग का यह लक्ष्य भी पूरा नहीं हो पाया। प्रदेश में चलाए गए पल्स पोलियो अभियान के पहले चरण में पांच लाख 51 हजार 645 नौनिहालों ने ओरल पोलियो वैक्सीन की दवाई पी। पल्स पोलियो की बूंदें सभी बच्चों को नहीं मिल पाईं, उसका कारण यही बताया जा रहा है कि शीतकालीन अवकाश व बर्फबारी की वजह से अधिकतर अभिभावक अपने बच्चों को बाहरी राज्यों को घुमाने के लिए ले गए हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों का तर्क है कि वे मार्च में होने वाले पल्स पोलियो अभियान को सफल बनाएंगे व भारत सरकार की ओर से मिले टारगेट को पूरा करेंगे।

5895 पोलिंग बूथ पर पी दो बूंदें

हिमाचल प्रदेश में नौनिहालों को ओरल पोलियो वैक्सीन पिलाने के लिए 5895 बूथ बनाए गए थे। सुबह से ही इन बूथों पर नौनिहालों ने पल्स पोलियो की दवाई पी। इस अभियान को सफल बनाने के लिए प्रदेश भर में 1180 पर्यवेक्षकों ने बूथों में जाकर निरीक्षण किया। वहीं इस दौरान 116 स्टैटिक बूथ, 282 मोबाइल टीम भी अलग से तैयार की गई थी।

2017 में 6 लाख 68 हजार ने पी खुराक

अगर वर्ष 2017 की बात की जाए, तो पिछले वर्ष छह लाख 68 हजार नौनिहालों ने पल्स पोलियो की खुराक पी थी। जानकारी के अनुसार इस बार नौनिहालों को दवाई पिलाने का आंकड़ा पिछले वर्ष के आंकड़े से थोड़ा कम है।