प्रेरणा पुरुष विवेकानंद

राजेश कुमार चौहान, सुजानपुर टीहरा

‘विवेकानंद : विश्व नेतृत्व को भारत के गुरु’ लेख में प्रो. एनके सिंह ने सभी को विवेकानंद की शिक्षाओं का अनुसरण करने की राय दी है। रवींद्रनाथ टैगोर ने स्वामी विवेकानंद के बारे में कहा था-यदि आप भारत को जानना चाहते हैं, तो विवेकानंद को पढ़ लीजिए। भारतीय समाज और राजनीति में जो दिन-प्रतिदिन गंदगी बढ़ती जा रही है, उसकी सफाई सिर्फ युवा ही कर सकते हैं। अफसोस यह कि बहुत से युवा राजनेताओं के प्रलोभन में आकर राष्ट्र-समाज की सेवा की भावना का परित्याग कर रहे हैं। अगर देश का युवा पथभ्रष्ट हो जाएगा, तो देश कभी दुनिया के उन देशों के साथ कदमताल नहीं कर पाएगा, जिनकी गिनती विकसित देशों में की जाती है। आज की युवाशक्ति को स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं का अनुसरण करना चाहिए। स्वामी विवेकानंद के कार्य आज भी आदर्श और प्रेरणा के स्रोत हैं। विवेकानंद के अलावा देश के अन्य तपस्वी लोगों के जीवन मूल्यों को भी अपने जीवन में ढालने की आज महत्ती आवश्यकता है।