फिर लौटा बुनी स्वेटर का जमाना

मिलन हॉल में एमएसएमई पखवाडे़ के शुभारंभ पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत बोले, विदेशों में बढ़ी मांग

देहरादून — मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि दुनिया में फिर से हाथ से बुनी हुई स्वेटर के फैशन का जमाना लौट रहा है। यूरोप से बडे़ स्तर पर बुनी हुई स्वेटर की मांग बढ़ रही है। उत्तराखंड बडे़ स्तर पर ऊन और स्वेटरों का निर्यात कर सकता है। इससे हमारे हस्तशिल्प को बढ़ावा मिलेगा और खासकर महिलाओं को कमाने का माध्यम मिलेगा। मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता मिलन हॉल में एमएसएमई मंत्रालय भारत सरकार और उद्योग विभाग उत्तराखंड द्वारा आयोजित एमईएमएस पखवाड़ा का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्टार्टअप उत्तराखंड पोर्टल का उद्घाटन किया। साथ ही मेंटरशिप कार्यक्रम का शुभारंभ और क्राफ्ट्स ऑफ उत्तराखंड के डाक्यूमेंट का विमोचन किया। अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों के लिए उत्तराखंड में परिस्थितियों के हिसाब से अपार संभावनाएं हैं। प्रदेश में छोटे उद्योगों के माध्यम से कम पूंजी में अधिक लोगों को रोजगार के साधन उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा कि 16 से 30 जनवरी तक चलने वाले इस पखवाड़े का उद्देश्य लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों के लिए लोगों में जागरूकता लाना एवं प्रोत्साहित करना है। स्वयं सहायता समूहों में राज्य में महिलाएं अच्छा कार्य कर रही हैं।  उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम के तहत दस करोड़ रुपए तक के निवेशों के प्रस्ताव की मंजूरी का अधिकार जिलाधिकारियों को दिया गया है। स्थानीय उत्पादों हस्तशिल्प हथकरघा एवं जैविक उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है। यूरोपीय देशों में हाथ से बुनी हुई वस्तुओं की मांग तेजी से बढ़ रही है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर राज्य में लघु उद्यम हथकरघा एवं हस्तशिल्प के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले उद्यमियों को पुरस्कृत भी किया। लघु उद्यम में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए नैनीताल के अभिषेक मिश्रा को प्रथम देहरादून के ललित मोहन उनियाल को द्वितीय एवं बागेश्वर के दलीप सिंह खेतवाल एवं पिथौरागढ़ के सतीश चंद्र को तृतीय पुरस्कार दिया गया। इस अवसर पर प्रमुख सचिव सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग मनीषा पंवार, महानिदेशक आयुक्त उद्योग सौजन्या, आरबीआई रीजनल डायरेक्टर सुब्रत दास, उद्योग निदेशक सुधीर नौटियाल एवं विभिन्न एसोसिएशन के पदाधिकारी उपस्थित थे।