फिर शराब के होलसेल लाइसेंस देने की तैयारी

शिमला – हिमाचल प्रदेश में शराब कारोबार की पुरानी व्यवस्था फिर से शुरू होने जा रही है। इसके लिए सरकार अगले वित्त वर्ष का इंतजार नहीं करेगी बल्कि तत्काल पुरानी व्यवस्था को लागू करने की तैयारी है। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार आबकारी एवं कराधान विभाग ने इस संबंध में प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेज दिया है। तीन फरवरी को धर्मशाला में होने वाली कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगेगी। इसके साथ ही राज्य में बीवरेज कारपोरेशन का काम बंद हो जाएगा वहीं शराब के एल-1 व एल-13 लाइसेंस फिर से शुरू हो जाएंगे। इसके तहत होलसेल व्यवस्था को शुरू किया जा रहा है। पहले भी इसी तरह की व्यवस्था थी जिसमें शराब ठेकेदार खुद शराब खरीदते थे और आगे मैक्सिमम रिटेल प्राइज पर बिक्री करते थे। कांग्रेस सरकार ने पिछले साल पुरानी व्यवस्था को खत्म कर दिया था और बीच में बिचौलियों को डाल दिया गया था। बताया जाता है कि बिचौलियों का काम करने वाले लोगों को 45 रुपए प्रति बॉक्स के हिसाब से कमीशन दिया जाता था और इससे करोड़ों रुपए की कमाई कोई और लोग ही कर गए। पिछली सरकार में कमीशन खाकर करोड़ों रुपए की कमाई करने वालों की जांच का काम भी शुरू हो गया है। सूत्रों के अनुसार आबकारी एवं कराधान विभाग ने इस पर जांच शुरू कर दी है और बीवरेज कारपोरेशन लिमिटेड के अधिकारियों से इस पर विस्तृत सूचना तलब की गई है। आबकारी महकमे के अधिकारी पूरी डिटेल खंगाल रहे हैं,जिसके बाद रिपोर्ट सरकार को दी जाएगी। इसमें बताया जाएगा कि किस व्यक्ति को कितनी कमीशन मिली है और कैसे कमीशनखोरी का यह धंधा फला-फूला। जल्दी ही यह मामला सामने आ जाएगा। इसमें उधार में दी गई शराब के मामले में भी जांच चल रही है। इससे अलग आबकारी एवं कराधान विभाग ने होलसेल प्रणाली को पुनःशुरू करने की व्यवस्था कर दी है। कैबिनेट को भेजे गए प्रस्ताव के मुताबिक पहले की तरह ही शराब ठेकेदार होलसेल में शराब खरीदेंगे और मैक्सिमम रिटेल प्राइज में बेचेंगे। अभी मिनीमम सेल प्राइज में शराब बिक रही है,जिससे लोगों  को बड़ी चपत लग रही है।

एक्साइज पालिसी रिव्यू करेगी सरकार

आबकारी विभाग की इस पड़ताल में यह भी सामने आएगा कि व्यवस्था को बदलने से सरकारी खजाने को फायदा पहुंचाया  या फिर कुछ विशेष लोगों को ही इसका लाभ पहुंचाया गया है। सरकार ने टारगेट क्या रखा था और इस टारगेट पर कितनी कमाई हो सकी है। अमूमन कैसे कमाई हो सकती थी। कुल मिलाकर कैबिनेट बैठक में सरकार अपनी आबकारी पालिसी को रिव्यू करेगी।