मलेशिया गए अजय की कोई खबर नहीं

12 साल से लाड़ले के लौटने की उम्मीद में कट रही बूढ़े; गरीब मां-बाप, तीन बहनों की रातें

अंब – मां तू गरीबी की चिंता मत कर, बस एक बार मुझे बाहर जाने दे, कुछ इस तरह के सपने संजोकर वर्ष 2004 को मलेशिया गया अजय कुमार पुत्र धनीराम निवासी स्वाना आज तक घर नहीं लौट पाया है। करीब 15 महीने तक अजय कुमार का कुशलतापूर्वक पत्र व राशि परिजनों को प्राप्त होती रही, लेकिन अप्रैल, 2005 के बाद तीन बहनों के इकलौते भाई का अचानक परिजनों से संपर्क टूट गया। बूढ़े एवं अनपढ़ माता-पिता 12 साल बाद भी अपने लाड़ले के घर लौटने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। बेटे से संपर्क करने के लिए वे दर-दर भटक रहे हैं, लेकिन हैरानी का विषय है कि उन्हें आज दिन तक सही दिशा नहीं मिल पाई है। अनपढ़ता कितनी अभिशाप है, इसका यहां उदाहरण तब दिखाई दिया, जब डेढ़ पहले पूर्व केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने एक पत्र लिखकर माता-पिता से कुछ जानकारी देने की बात कही, तो किसी अनजान से पत्र पढ़ाने के बाद उसका जवाब देने के बजाय परिजनों ने पत्र अपने पास संभाल कर रख लिया। माता व्यासा देवी ने बताया कि उन्होंने बेटे को कर्ज लेकर विदेश भेजा था, लेकिन बेटे ने पत्र के माध्यम से जब बताया कि 12 घंटे ड्यूटी कर छह हजार रुपए प्रति महीना मिल रहा है, तो उनके होश उड़ गए। अजय ने पत्र के माध्यम से बताया कि जब कंपनी प्रबंधकों से पगार बढ़ाने की बात की गई, तो उन्होंने कहा कि काम करना है, तो करो नहीं तो इंडिया चले जाओ। बेटे ने पत्र में बताया कि कंपनी में पंजाब से 17 आदमी आए हैं, हालत देखकर वे बेचारे भी रो रहे हैं। गरीबी देखते हुए अजय ने पत्र के जरिए बताया कि कर्ज चुकाने के बाद वापस घर आ जाउंगा, इसलिए उसने खुद 500 रुपए में अपना खर्चा पूरा कर बाकी राशि घर भेजनी शुरू कर दी।

खत में डाल थोड़ा आटा भेज दो

अजय अपने घर वालों को खत के जरिए जो दुखद दास्तां लिखता था, उन्हें पढ़कर शायद ही कोई आंसू रोक पाए। अजय ने लिखा है कि यहां चावल के सिवाय कुछ नहीं मिलता। आप खत में डालकर थोड़ा आटा भेज दें, जी करता है कि में उडारी मारकर अपने वतन पहुंच जाऊं। फोन पर बात करते मेरी आंखों में आंसू आ जाते हैं। बूढ़े मां-बाप ने ‘दिव्य हिमाचल’ के जरिए सरकार के पास अपनी फरियाद कर बेटे का पता लगाने की मांग उठाई है। इसी क्षेत्र के विधायक व मंत्री विक्रम ठाकुर से बात करने पर उन्होंने बताया कि उनके ध्यान में अभी यह घटना आई है। इस पर जरूर कार्रवाई कर परिजनों की आवाज आगे तक पहुंचाकर वास्तविकता का पता लगाने की कोशिश की जाएगी।