मिर्ची वाली रस्सी से बचेंगी फसलें

नील गाय-जंगली सूअरों को दूर भगाने के लिए वन विभाग की नई तकनीक

ऊना— जिला ऊना में वन विभाग ने नील गाय-जंगली सूअरों से किसानों की फसलें बचाने के लिए एक अनूठी तकनीक अपनाई है। इसके लिए सिर्फ एक जूट से बनी रस्सी को ऑयल और मिर्ची पाउडर में भिगोकर खेत में बांधना है। इस रस्सी के लगाने के बाद खेतों में नील गाय नहीं आएगी।  इस सस्ती तकनीक का प्रयोग यदि कोई किसान करता है, तो उसे इसका लाभ मिलेगा। वन विभाग ऊना की इस सफलता के बाद इसे जिला भर में चलाया जाएगा। यदि जिला भर में यह तकनीक सफल होती है, तो वन विभाग सरकार से प्रदेश भर में यह तकनीक लागू करने की मांग करेगा, ताकि किसानों को भी इसका लाभ मिल सके। यह तकनीक अपनाने के लिए होने वाला खर्चा साधारण किसान भी उठा सकता है। वन विभाग ऊना की ओर से यह तकनीक गांव बसोली में ट्रायल पर अपनाई गई, जिसका प्रयोग भी बाकायदा सफल रहा है। नई तकनीक बिल्कुल सस्ती और आसान है। इसके लिए सिर्फ एक जूट से बनी रस्सी और पुराना मोबाइल, ऑयल, मिर्ची पाउडर की जरूरत है। इस रस्सी को ऑयल और मिर्ची पाउडर में भिगोकर इसे खेत में बांधना है। इस रस्सी के लगाने के बाद खेतों में नील गाय नहीं आएगी। वन विभाग की मानें तो यह तकनीक केरल में हाथियों से फसलें बचाने के लिए इस्तेमाल की जाती है। अफ्रीकन देश भी यह तकनीक अपनाते हैं। बतौर ट्रायल वन विभाग की ओर से बसोली गांव में खेत के एक किनारे पर यह रस्सी लगाई गई। उसके बाद पूरे खेत में रस्सी लगाई गई, जिसके चलते दस दिन तक कोई भी नील गाय खेत में नहीं आई। रस्सी एक कनाल में लगाने पर करीब 800 रुपए तक का खर्चा आता है। डीएफओ ऊना यशुदीप ने कहा कि अब यह तकनीक जिला स्तर पर लागू किया जाएगा। जिला स्तर पर सफलता मिलने के बाद सरकार से प्रदेश भर में इसे लागू करने मांग की जाएगी। यह तकनीक केरल सहित अफ्रीकन एरिया में इस्तेमाल होती है।