‘मेरा अस्पताल’ से जुड़ेंगे प्रदेश के 11 जिले

मार्च तक पूरी होगी योजना; मरीज से ली जाएगी स्वास्थ्य सेवाओं की फीडबैक, मोबाइल नंबर होगा दर्ज

ऊना – प्रदेश के 11 जिलों के क्षेत्रीय अस्पताल मार्च माह तक ‘मेरा अस्पताल’ योजना से जुड़ेंगे। योजना का उद्देश्य क्षेत्रीय अस्पताल में आम जनता को मुहैया करवाई जा रही स्वास्थ्य सेवाओं की फीडबैक मरीज से ही लेकर उन्हें और सुदृढ़ करना है। स्वास्थ्य विभाग क्षेत्रीय अस्पताल में उपचार के लिए आने वाले मरीजों से स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी हासिल करेगा। यदि स्वास्थ्य सेवाओं में कोई कोताही उजागर हुई, तो इस मसले को भी गंभीरता से लिया जाएगा। वहीं खामियां आने पर उन्हें योजना के तहत दूर किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग की ओर से शिमला, मंडी, कांगड़ा, सोलन, किन्नौर, कुल्लू जिला में योजना को ट्रायल स्तर पर शुरू किया गया। ट्रायल सफल रहने पर यहां योजना को शुरू कर दिया गया है। वहीं, ऊना, हमीरपुर, सिरमौर, चंबा जिला के क्षेत्रीय अस्पताल में ‘मेरा अस्पताल’ योजना को ट्रायल बेस पर चलाया जा रहा है। बिलासपुर में भी जल्द ही इसे शुरू किया जाएगा। इसके अलावा अभी तक लाहुल-स्पिति जिला को इसमें स्थान नहीं मिल पाया है। वर्तमान में जिन जिलों में इस योजना को ट्रायल बेस पर चलाया जा रहा है, उन अस्पतालों की रिपोर्ट भी स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा एकत्रित की गई है। रिपोर्ट सकारात्मक रहने पर इन अस्पतालों में यह योजना शुरू होगी। योजना के तहत क्षेत्रीय अस्पताल में मरीजों को एक ही जगह पर अपनी टेस्ट फीस जमा करवानी पड़ेगी। इससे पहले मरीजों को अलग-अलग टेस्ट लिखे जाने पर अलग-अलग काउंटरों पर फीस जमा करवानी पड़ती थी, लेकिन अब एक ही जगह फीस की अदायगी होने के बाद लैब में भी लोगों की भीड़ कम होगी। इसके लिए बाकायदा डाटा एंट्री आपरेटर की भी तैनाती होगी। योजना के तहत अस्पताल जाने वाले मरीज का मोबाइल नंबर भी पंजीकरण होगा। बाद में स्वास्थ्य विभाग की ओर से हायर की गई एजेंसी मरीज से अस्पताल में मिल रही सेवाओं के बारे में जानकारी हासिल करेगी। योजना के तहत मरीज का पूरा डाटा ऑनलाइन होगा। इसमें मरीज का मोबाइल नंबर पंजीकृत करना अनिवार्य है। अस्पताल में आने वाले मरीजों की ओपीडी, टेस्ट व दवाइयों की पूरी रिपोर्ट ऑनलाइन होगी। बहरहाल, स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रदेश भर में स्वास्थ्य सेवाओं को सृदृढ़ करने के लिए योजना शुरू की गई है।