कुछ रोचक जानकारियां
सिवन के वर्तमान में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में निदेशक हैं। वह ए एस किरण कुमार का स्थान लेंगे, जिनकी नियुक्ति 12 जनवरी, 2015 को हुई थी। यह के सिवन की विशेषता थी कि इसरो को एक ही मिशन में 104 उपग्रह भेजने की क्षमता प्रदान की। इसकी बदौलत पिछले साल फरवरी में भारत ने वर्ल्ड रिकार्ड बनाया था। सिवन के ने वर्ष 1980 में मद्रास इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में स्नातक किया। मद्रास इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की स्थापना सन् 1949 में हुई। वर्ष 1982 में बंगलूर के आईआईएससी से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में स्नातकोत्तर किया है। आईआईटी बांबे से उन्होंने वर्ष 2006 में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पीएचडी पूरी की। सिवन वर्ष 1982 में इसरो में आए और पीएसएलवी परियोजना पर उन्होंने काम किया। उन्होंने एंड टू एंड मिशन प्लानिंग, मिशन डिजाइन, मिशन इंटीग्रेशन एंड एनालिसिस में काफी योगदान दिया। वह इंडियन नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग, एयरोनॉटिकल सोसायटी ऑफ इंडिया और सिस्टम्स सोसायटी ऑफ इंडिया में फैलो हैं। कई जर्नल में उनके पेपर प्रकाशित हुए हैं। उन्हें कई पुरस्कारों से नवाजा गया है। इसमें चेन्नई की सत्यभामा यूनिवर्सिटी से अप्रैल 2014 में मिला डाक्टर ऑफ साइंस और वर्ष 1999 में मिला श्री हरि ओम आश्रम प्रेरित डा. विक्रम साराभाई रिसर्च अवार्ड मिले हैं।