शराब व्यापार से बिचौलिए बाहर

एल-1 डी और एल-13 डी के लाइसेंस कैंसिल

शिमला— शराब कारोबार से बिचौलिए बाहर कर दिए गए हैं। सरकार की मंशाआें के अनुरूप आबकारी एवं कराधान विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसके साथ ही अब बीवरेज कारपोरेशन लिमिटेड सीधे शराब उत्पादकों से शराब की खरीद करेगा, जिसके मध्य में रही कंपनियां जो कमीशन खाती थीं, उनके लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं। आबकारी एवं कराधान विभाग ने शनिवार को यह आदेश सभी जोन के अधिकारियों को भेज दिए हैं। सूत्रों के अनुसार आबकारी एवं कराधान विभाग ने एल 1-डी और एल-13 डी के लाइसेंस रद्द किए हैं। पूर्व कांग्रेस सरकार ने इसी वित्त वर्ष के शुरूआत में यहां हिमाचल प्रदेश बीवरेज लिमिटेड के बीच में दो लाइसेंस जारी कर दिए थे। इन लाइसेंसधारकों को शराब कंपनियों से बीवरेज लिमिटेड को शराब दिलाने के लिए कमीशन ली जाती थी। यह कमीशन बेवजह से दी जा रही थी, जिसे भाजपा ने मुद्दा भी बनाया। अब भाजपा के सत्ता में आने के बाद बीच में पड़े बिचौलियों को बाहर कर दिया गया है। वैसे जयराम सरकार ने ऐलान किया था कि वो बीवरेज लिमिटेड को खत्म कर देंगे, परंतु फिलहाल ऐसा नहीं लग रहा है कि बीवरेज लिमिटेड खत्म होगा। इसके विपरीत यह कर दिया गया है कि इसके बीच में पड़े बिचौलियों को हटा दिया गया है और सीधे शराब उत्पादकों को बीवरेज लिमिटेड के साथ कारोबार करने का रास्ता खोला है। 22 जनवरी से ये आदेश प्रदेश भर में लागू कर दिए जाएंगे, जिसके साथ ही कमीशन खाने वाली एजेंसियां बाहर हो जाएंगी। आबकारी विभाग के आदेशों के अनुसार 22 जनवरी के बाद शराब की ट्रांसपोर्टेशन के लिए परमिट व पास एल 1-सी, एल-13, एल1-बी, एल 1-बीबी, एल 1-बी व एस-1 के लाइसेंसधारकों से ही लिए जा सकते हैं।  ये शराब ठेकेदारों की अलग-अलग श्रेणियां हैं, जिनके पास ही शराब ट्रांसपोर्टेशन के परमिट व पास होंगे। पिछली कांग्रेस सरकार ने नई श्रेणी के लाइसेंस एल 1-डी व एल 13-डी जारी कर दिए थे, जिनको अब समाप्त कर दिया गया है।

इसलिए महंगी बिक रही दारू

वर्तमान में शराब ठेकेदार सरकारी नीति के अनुरूप करोड़ों रुपए ज्यादा दे चुके हैं, जिसके चलते उन्होंने शराब के दाम भी महंगे कर रखे हैं। यहां पर शराब के दाम एमएसपी के तहत आते हैं, जिस कारण दामों में बढ़ोतरी है। नई सरकार अगली पालिसी में इसमें संशोधन कर राहत प्रदान कर सकती है।