शिवसेना ने दिया भाजपा को झटका

मुंबई— केंद्र में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की करीब दो दशक से अहम सहयोगी रही शिवसेना ने उसे तगड़ा झटका दिया है। शिवसेना की मंगलवार को हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में 2019 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव भाजपा से अलग लड़ने का फैसला किया गया है। बता दें कि शिवसेना महाराष्ट्र और केंद्र में भाजपा की अहम सहयोगी है। महाराष्ट्र में दोनों दलों की मिलीजुली सरकार है। कार्यकारिणी की बैठक में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि उनकी पार्टी हिंदुत्व की रक्षा के लिए हर राज्य में चुनाव लड़ेगी। उल्लेखनीय है कि शिवसेना और भाजपा में राज्य और केंद्र स्तर पर संबंधों में लंबे समय से तनाव चल रहा है। उद्धव ठाकरे ने कुछ दिन पहले ही धमकी दी थी कि अगर जरूरत हुई तो उनकी पार्टी एनडीए से अलग भी हो जाएगी। पार्टी नेता संजय राउत ने कहा कि उनकी पार्टी 2019 का लोकसभा और विधानसभा चुनाव अलग लड़ेगी। शिवसेना के इस फैसले को उद्धव के बयान से ही जोड़कर देखा जा रहा है। गौरतलब है कि 2014 में पिछला विधानसभा चुनाव भी सीटों के बंटवारे पर पेंच फंसने के कारण भाजपा और शिवसेना ने अलग ही चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी और शिवसेना ने चुनाव के बाद भाजपा से गठबंधन कर सरकार बनाई थी। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए नरेंद्र मोदी सरकार की कई मुद्दों पर आलोचना की है। शिवसेना पीएम मोदी के अहम फैसले नोटबंदी का विरोध कर रही थी। इसके अलावा सीमा पर पाकिस्तानी गोलाबारी पर भी सामना के जरिए केंद्र सरकार पर निशाना साधा जाता रहा है। सेना ने बुलेट ट्रेन परियोजना पर भी केंद्र सरकार की तीखी आलोचना की थी।