सब को भायी मोदी की ‘अनूठी शैली’

दावोस — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व के शीर्ष कारोबारियों और सीईओ के साथ बैठक के दौरान अपनी ‘अनूठी शैली’ और घनिष्ठता से सबका मन मोह लिया। साथ ही उनके समक्ष वैश्विक स्तर पर निवेश और कारोबार के उत्साहजनक अवसर प्रस्तुत किए। इस गोल मेज वार्ता में वैश्विक कंपनियों के 40 से ज्यादा और भारत के 20 सीईओ मौजूद थे। गोल मेज वार्ता का सूत्र वाक्य ‘इंडिया मीन्स बिजनेस (भारत यानी कारोबार की सुगमता)’ था। इस बैठक में भाग लेने वाले महिंद्रा समूह के अध्यक्ष आनंद महिंद्रा ने ट््वीट किया कि सीईओ के सम्मान में दिए गए रात्रिभोज में प्रधानमंत्री (श्री मोदी) ने प्रत्येक सीईओ की बात का जवाब दिया। विदेशी सीईओ सहित बैठक में शामिल प्रत्येक व्यक्ति के साथ वह व्यक्तिगत रूप से जुड़ गए। ऐसी अनूठी शैली प्रायः दावोस में देखने को नहीं मिलती।

दावोस में फिसली प्रधानमंत्री की जुबान

दावोस में विश्व आर्थिक मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक वैश्किव नेता के तौर पर भाषण दिया। 52 मिनट के इस संबोधन में पीएम मोदी ने कई वैश्विक चुनौतियों का जिक्र किया और उनसे पार पाने के रास्ते भी सुझाए। हालांकि भाषण के दौरान कई मौके पर पीएम मोदी की जुबान भी फिसली। वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम में अपने भाषण के दौरान पीएम मोदी ने भारतीय लोकतंत्र की ताकत का जिक्र करते हुए भारत में मतदाताओं की संख्या को गलती से 600 करोड़ बता दिया। उन्होंने कहा कि भारत के 600 करोड़ मतदाताओं ने 2014 में 30 साल बाद पहली बार किसी एक राजनीतिक पार्टी को केंद्र में सरकार बनाने के लिए पूर्ण बहुमत दिया…। बता दें कि भारत की कुल आबादी करीब 130 करोड़ है। वहीं भाषण के दौरान पीएम मोदी ने एक जगह तो दुनिया खत्म करने की बात कह डाली। दरअसल यहां वह दूरियां खत्म करने की बात कर रहे थे, लेकिन उनकी जुबान से दूरियां की जगह दुनिया निकल गया। भारत की आजादी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत की आजादी के 17 साल हो गए, लेकिन वह तब 70 साल बोलना चाह रहे थे। भारत में भी मोदी अपने कई भाषणों में ‘आजादी के 70 साल’ का जिक्र करते रहते हैं। एक और जगह पीएम मोदी रोज मर्रा (दैनिक जीवन में) को ‘रोज मरा’ बोल गए।