हिमाचल की सबसे लंबी पर्वत शृंखला है पीर पंजाल

पीर पंजाल लघु हिमाचल की सबसे लंबी शृंखला है, जो बृहद हिमाचल पर्वत शृंखला जलधाराओं के बीच बंटवारे का काम करती है। रावी के स्रोत के पास यह धौलाधार की ओर झुकती है। पीरपंजाल प्रदेश के मध्य में उत्तर-पूर्व में स्थित है…

मध्य या लघु हिमालय

इस  शृंखला की ऊचाई तल से 1500 मीटर या 4500 फुट से 4500 मीटर या 13500 फुट की है। लघु हिमालय धौलाधार व पीरपंजाल शृंखलाओं की तरफ लगातार ऊंचाई प्राप्त करता है। इस क्षेत्र की  प्रमुख शृंखलाएं हैं-

धौलाधार एवम पीरपंजाल

(क) धौलधार ः यह पर्वत शृंखला  बृहद हिमालय से बदरीनाथ के पास छूटती है। सतलुज नदी इसे रामपुर के पास तथा लारजी नामक स्थल पर ब्यास  नदी इसे काटती है। यह शृंखला जिला शिमला, कुल्लू व कांगड़ा से होते हुए चंबा के दक्षिण- पश्चिम तक चली जाती है। जहां इसे रावी नदी काटती है। बड़ा भंगाल के पास इसका उत्तरी हिस्सा पीरपंजाल पर्वत शृंखला से टकराता है। इसकी समुद्रतल से ऊंचाई मुख्यतः 3050 मीटर से 4570 मीटर तक जाती है। बर्फ से ढके रहने के कारण इसे श्वेत शृंखला  का नाम भी दिया जाता है। धौलाधार पर्वत शृंखला बृहद हिमाचल पर्वत शृंखला  से अलग हो जाती है। यह पर्वत शृंखला खेड़ी नामक स्थान पर हिमाचल में प्रवेश करती है, जहां रावी नदी हिमाचल प्रदेश को छोड़ती है।

पीर पंजालः यह लघु हिमाचल की सबसे लंबी शृंखला है, जो बृहद हिमाचल पर्वत शृंखला जलधाराओं के बीच बंटवारे का काम करती है। रावी के स्रोत के पास यह धौलाधार की ओर झुकती है। पीरपंजाल प्रदेश के मध्य में उत्तर-पूर्व में स्थित है।