21 जनजातीय पंचायतों को मिलें एसटी का दर्जा

 चंबा— जनजातीय क्षेत्र भरमौर की इक्कीस गैर जनजातीय पंचायतों को जनजातीय का दर्जा मिलना चाहिए। क्योंकि इन तमाम पंचायतों का रहन सहन और परंपरा जनतातीय मूल की ही है। ऐसे में कुछ पंचायतों को जनजातीय और कुछ को गैर जनजातीय दायरे में रखना समझ से परे हैं। बहरहाल, इन पंचायतों को हर हालत में जनजातीय पंचायतों का दर्जा मिलना चाहिए। इस तरह का मुद्दा चंबा जनमत निर्माण अभियान के तहत चली चाय पे चर्चा के दौरान उठा।  चर्चा का हिस्सा बने राजेश कुमार, विनय कुमार, अजय, तरसेम, देसराज और पंकज ने तर्क देते हुए कहा कि भरमौर विधानसभा क्षेत्र की इक्कीस पंचायतों को महज वोट बैंक के तौर पर ही इस्तेमाल किया जाता है। अब देखिए न यहां के लोग एसटी के लिए रिजर्व भरमौर विस क्षेत्र के प्रत्याशी को वोट तो डाल सकते हैं। लेकिन इन पंचायत के लोगों को जनजातीय की श्रेणी से बाहर रखा जाता है। इस गंभीर मसले  पर चर्चा को आगे बढ़ाते हुए राजकुमार, सुमन कुमार, विक्रम और दिनेश ने जनजातीय क्षेत्र की इन इक्कीस पंचायतों को हर सूरत में जनजातीय का दर्जा दिलाने की मांग उठाई है। चर्चा का हिस्सा बने विक्की, रमनए अंकित और विजय ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में एजुकेशन का हाल खराब है। क्वालिटी एजुकेशन नहीं मिलने के कारण यहां के अधिकतर स्टूडेंट्स कंपीटिशन में आगे नहीं टिक पा रहे। बहरहाल जनजातीय क्षेत्रों में क्वालिटी एजुकेशन पर विशेष ध्यान देने का आह्यवान इन्होंने सरकार से किया। उधर, जनमत निर्माण अभियान से जुड़े धर्म चंद ने भी इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि जिले में चल रहे जनमत निर्माण अभियान के तहत हुई चाय पे चर्चा के दौरान लोगों ने जनजातीय क्षेत्र के कुछ इश्यू रखे हैं। इन्हें जनमत निर्माण अभियान की टीम सरकार के नुमाइंदों के समक्ष रखा जाएगा।