कश्मीरियों का दर्द

राजेश कुमार चौहान, सुजानपुर टीहरा

धरती का स्वर्ग कश्मीर अगर कश्मीरियों के लिए नरक बन चुका है, तो इसका कारण नापाक पाकिस्तान द्वारा यहां फैलाया गया आतंकवाद है। दुखद यह कि आतंकवाद की इस जलती आग में कुछ अलागववादी घी डालने का काम करते रहे हैं। भारत सरकार भी कश्मीर मसले पर सिर्फ बातें ही करती है। अगर पाकिस्तान कश्मीर मसले पर हुए अंतरराष्ट्रीय समझौतों पर, जिनमें शिमला समझौता भी है, को ठेंगा दिखा सकता है तो क्या भारत कश्मीर में शांति स्थापित करने के लिए ईंट का जवाब पत्थर से नहीं दे सकता। महाराजा हरि सिंह के समय भी पाकिस्तान ने कश्मीर में माहौल बिगाड़ा था। अपने जुल्मोसितम से उसने कश्मीरियों का जीना दुश्वार कर रखा था, तब भी महाराजा हरि सिंह ने कश्मीरियों के दुख-दर्द को दूर करने के लिए भारत से मदद मांगी थी। भारत ने उस समय भी कश्मीरियों को पाकिस्तानी सेना के अत्याचारों से बचाया था। अब फिर समय आ चुका है कि कश्मीरियों की जिंदगी शांतिमय और कश्मीर को जन्नत बनाने के लिए भारत सरकार सख्त फैसले ले। कश्मीर समस्या का हल तब तक बातचीत से नहीं निकलने वाला, जब तक पाकिस्तान के कट्टरपंथी अपनी भारत के प्रति संकीर्ण सोच नहीं बदलते। अगर धरती के स्वर्ग कश्मीर का माहौल शांतिमय बन जाए, तो यहां साल भर देश-विदेश से पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहेगा और युवाओं को रोजगार के कई अवसर पैदा होंगे।