कांग्रेस के पापों की सजा भुगत रहा देश

लोकसभा में पीएम मोदी ने डेढ़ घंटे तक बोला हमला, नेहरू-गांधी परिवार पर निशाना

नई दिल्ली— विपक्ष के भारी शोर-शराबे के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा में कांग्रेस के आरोपों का जोरदार तरीके से जवाब दिया। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कांग्रेस और नेहरू-गांधी परिवार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने बिना नाम लिए जहां कांग्रेस के परिवारवाद पर ताना मारा, वहीं सहयोगी दलों का गुणगान कर उन्हें साधने की भी कोशिश की। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में आंध्र प्रदेश और चुनावी राज्य कर्नाटक का कई बार जिक्र किया। पीएम ने अपने भाषण में कभी शायरी तो कभी आंकड़ों से कांग्रेस के हर आरोप को खारिज कर दिया। मोदी ने कांग्रेस और विपक्ष की नारेबाजी के बीच बेहद तेज-तर्रार शैली और आक्रामक तरीके से कांग्रेस पर विभाजन का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आपके चरित्र में है बांटना। भारत का विभाजन किया आपने। देश के टुकड़े किए और जो जहर बोया, आज आजादी के 70 साल बाद भी आपके उस पाप की सजा सवा सौ करोड़ हिंदोस्तानी भुगत रहे हैं। आंध्र प्रदेश की सहयोगी टीडीपी के नाराज होने की खबरों के बीच पीएम मोदी ने इमोशनल कार्ड खेला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने चुनाव को ध्यान में रखकर संसद के दरवाजे बंद करके आंध्र प्रदेश के लोगों की भावनाओं की परवाह किए बिना तेलंगाना बनाया। आज चार साल बाद भी समस्याएं सुलगती रहती हैं। इस प्रकार की चीजें आपको शोभा नहीं देतीं। आपके प्रधानमंत्री श्रीमान राजीव गांधी ने हैदराबाद में चुने हुए लोकप्रिय दलित मुख्यमंत्री का अपमान किया था। यह तेलगुदेशम पार्टी, यह एनटी रामाराव उस अपमान की आग में से पैदा हुए थे। रामाराव को उस अपमान का बदला लेने के लिए अपना फिल्म करियर छोड़कर राजनीति में आना पड़ा था। इस देश में 90 से अधिक बार अनुच्छेद 356 का दुरुपयोग करते हुए राज्यों में उभरती पार्टियों को फेंक दिया गया। आपने पंजाब में अकालियों के साथ क्या किया? मोदी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को भी निशाने पर लिया, लेकिन इशारों में कर्नाटक की जनता को भी समझाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि खड़गे जी का भाषण सुन रहा था। समझ नहीं पा रहा था कि वह कर्नाटक के लोगों को संबोधित कर रहे थे कि अपने ही दल के नीति निर्धारकों को खुश करने का प्रयास कर रहे थे।

कांग्रेस मुक्त भारत विचार गांधी का

नई दिल्ली — प्रधानमंत्री ने कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि ‘कांग्रेस मुक्त’  भारत बनाने का विचार मेरा नहीं, बल्कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का था और इसीलिए उन्होंने आजादी के बाद इस पार्टी को भंग करने की बात कही थी। राष्ट्रपिता का यह मानना था कि आजादी के बाद कांग्रेस की कोई जरूरत नहीं है और उसे भंग कर देना चाहिए। हम तो राष्ट्रपिता के पदचिन्हों पर चलने का प्रयास कर रहे हैं।