कैदी का लैटर वायरल सीबीआई पर उठे सवाल

कोटखाई गैंगरेप-मर्डर मिस्ट्री : लॉकअप में सूरज हत्याकांड

शिमला – कोटखाई छात्रा प्रकरण से जुड़े सूरज हत्या मामले में नया मोड़ आ गया है। सीबीआई द्वारा इस हत्याकांड के आरोप में गिरफ्तार नौ पुलिस अधिकारियों और कर्मियों में से एक हैडकांस्टेबल की ओर से एक तथाकथित पत्र सोशल मीडिया में वायरल किया गया है। इस पत्र में सीबीआई की जांच पर ही गंभीर सवाल खड़े किए गए हैं। यह पत्र हैडकांस्टेबल मोहन लाल की ओर से लिखा बताया गया है, जो कि वर्तमान में कंडा जेल में न्यायिक हिरासत में है। इस पत्र में जहां सूरज हत्या के बारे में पूरी जानकारी दी गई है, वहीं देश की जांच एजेंसी सीबीआई पर भी कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं। इस पत्र में सीबीआई पर आरोप लगाया है कि इसने उनके बयानों की अनदेखी जानबूझकर की। इसमें कहा गया है कि उसने सीबीआई के अधिकारियों से बता दिया था कि सूरज की हत्या थाने में किस तरह हुई है। हैडकांस्टेबल ने उस पूरी कहानी का जिक्र किया है, जो कि सूरज की हत्या वाली रात और उससे पहले कोटखाई थाने में हुई थी। इसमें कुछ पुलिस अधिकारियों पर सूरज के साथ मारपीट करने के आरोप लगाए गए हैं और कहा है कि उन्होंने जब इसका विरोध किया, तो उन्हें चुप रहने को कहा गया। इसमें सीबीआई पर आरोप लगाया है कि जांच मे जुटे दो बड़े अधिकारियों को उन्होंने पूरी सच्चाई ब्यां कर दी थी और घटना का पूरा ब्यौरा दिया था कि किस तरह सूरज की मौत हुई है, लेकिन सीबीआई के जांच अधिकारियों ने उनकी बातों को अनसुना कर दिया। आरोप लगाया है कि सीबीआई अधिकारियों ने उनको हत्या में शामिल होने के बयान देने पर जोर दिया है। सवाल उठाया है कि जब वह इस हत्या में शामिल ही नहीं रहा, तो वह उनसे जबरदस्ती कबूल क्यों करवाया गया। इसमें कहा गया है कि यदि सीबीआई ने उनकी बातें मानी होती तो पूरी सच्चाई का पता पहले ही चल गया होता। पत्र में सीबीआई की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा गया है कि यदि देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी इस तरह जांच करती है, तो यह बेहद दुखद है और इससे सीबीआई पर लोगों का पूरा भरोसा उठ जाएगा। इस पत्र में सीबीआई अधिकारियों पर आरोप लगाया है कि उन्होंने एक झूठी कहानी बनाकर सूरज हत्या में शामिल उन पुलिस कर्मियों और अधिकारियों को गवाह बनाकर बचाया है, जो कि इसमें शामिल थे।  इस पत्र की कापियां मुख्यमंत्री व राज्यपाल को भी भेजी गई हैं और इसमें मांग की गई है कि इस मामले की हिमाचल की जांच एजेंसी सीआईडी या एनआईए से जांच करवाई जाए, ताकि सच्चाई सामने आ सके और बेकसूर को सजा न मिले। हालांकि यह तथाकथित पत्र मोहन लाल द्वारा ही लिखा गया है, यह तो जांच के बाद ही पता चल पाएगा, लेकिन यह पत्र आग की तरह सोशल मीडिया पर फैल रहा है।

जरूर होगी जांच

सीबीआई के प्रवक्ता आरके गौड़ का कहना है कि पुलिस जवान द्वारा पत्र लिखने की उनको इसकी कोई जानकारी नहीं है। यदि इस तरह का कोई पत्र जारी हुआ है, तो इसे देखा जाएगा और इसकी सच्चाई की जांच की जाएगी।

नेगी को कंडा शिफ्ट करने की तैयारी

जेल प्रशासन ने शिमला के पूर्व एसपी डीडब्ल्यू नेगी को कंडा जेल भेजने की तैयारी कर दी है। इस बारे में जेल प्रशासन की ओर अदालत से अनुमति ली जाएगी। नेगी वर्तमान में कैथू सब जेल में हैं और कुछ दिन पहले जेल अधीक्षक कमरे में डीजीपी ने उनसे मुलाकात की थी। यह मुलाकात विवादों में आ गई थी। इस पर अब नेगी को कैथू से कंडा जेल शिफ्ट किया जाएगा।