देश की शान बढ़ाने वालों को भूली सरकार

भारतीय पेसापालो टीम कप्तान शालू शर्मा का सोशल मीडिया पर छलका दर्द

नाहन — अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को गोल्ड व ब्रांज मेडल दिलाने वाली भारतीय पेसापालो टीम की कप्तान शालू शर्मा का दर्द आखिरकार छलक गया। शालू शर्मा ने अपना दर्द सोशल मीडिया पर बयान किया है। पेसापालो के पहले वर्ल्ड कप, जो कि जुलाई, 2017 में फिनलैंड में हुआ था, में देश को कांस्य पदक दिलाने वाली सिरमौर की बेटी शालू शर्मा को इस बात का दुख है कि उनके खेल को अभी सरकार ने पहचान नहीं दी है। जनवरी में नेपाल में हुई पेसापालो एशिया गेम्स में शालू के नेतृत्व में भारत ने गोल्ड मेडल जीता। मगर अभी तक केंद्र व प्रदेश सरकार से मिलने वाली मदद यानी सरकारी नौकरी व नगद, पेसापालो खिलाडि़यों को नहीं मिला है। शालू शर्मा ने वीडियो के माध्यम से सोशल मीडिया पर अपना दर्द बयान किया है। ‘दिव्य हिमाचल मीडिया ग्रुप’ से विशेष बातचीत में शालू शर्मा ने बताया कि सरकार किसी भी खेल में मेडल लाने पर सम्मान व इनाम देती है, मगर पेसापालो खेल में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। गौर हो कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट व कबड्डी में देश को पदक दिलाने वाले खिलाडि़यों को हिमाचल सरकार ने डीएसपी व पुलिस में इंस्पेक्टर जैसे पद पर नौकरी दी है। गौर हो कि पेसापालो में ही सिरमौर की एक अन्य खिलाड़ी रश्मि भी भारतीय टीम का हिस्सा रही हैं।