पाकिस्तान से उठा भरोसा

सीपीईसी की सुरक्षा के लिए बलूच विद्रोहियों के संपर्क में चीन

नई दिल्ली— अपने अरबों डालर के प्रोजेक्ट्स और नागरिकों की सुरक्षा के लिए लगता है अब चीन को पाकिस्तान की सरकार पर भरोसा नहीं रहा। शायद यही वजह है कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) की सुरक्षा के लिए अब चीन ने बलूचिस्तान के विद्रोहियों से संपर्क साधा है। खबर के मुताबिक, 60 अरब डालर की लागत से बन रहे इस प्रोजेक्ट की सुरक्षा के लिए चीन, बलूचिस्तान के विद्रोहियों से गुपचुप बातचीत कर रहा है। हैरानी की बात यह है कि पाकिस्तान की सरकार और वहां के अधिकारी भी इस बातचीत से वाकिफ हैं, लेकिन उन्हें इसमें कुछ गलत नजर नहीं आता। इस बातचीत से वाकिफ तीन लोगों ने बताया कि चीन, बलूचिस्तान के विद्रोहियों से सीधे संपर्क में है। एक पाकिस्तानी अधिकारी ने कहा कि चीनी ने इस मसले पर यहां चुपचाप काफी प्रगति कर ली है। बता दें कि अशांत बलूचिस्तान में सीपीईसी के कई प्रोजेक्टस पर काम चल रहा है। इन प्रोजेक्ट्स का बलूचिस्तान के लोग काफी विरोध कर रहे हैं। चीन द्वारा बलूचिस्तान के विद्रोहियों से बातचीत करने को चीन के राजदूत याओ चिय के हाल में दिए उस बयान से जोड़कर देखा जा रहा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि बलोच के विद्रोही संगठनों से अब सीपीईसी को कोई खतरा नहीं है।

दोनों पक्षों के लिए अच्छा

इस बीच कई पाकिस्तान अधिकारियों ने बलोच विद्रोहियों और चीन के बीच बाचतीच का स्वागत किया है। इस्लामाबाद में एक अधिकारी ने कहा कि कुल मिलाकर, अगर बलूचिस्तान में शांति रहती है तो यह दोनों पक्षों के लिए अच्छा है। चीन द्वारा इस तरह बलोच विद्रोहियों से बात करने को सीधे तौर पर पाकिस्तान के अंदरूनी मसलों में दखल के तौर पर देखा जा सकता है, लेकिन फिर भी पाकिस्तान इसका विरोध शायद इसलिए नहीं कर रहा कि अमरीका से उसके रिश्ते पहले ही काफी खराब चल रहे हैं और चीन के सामने आपत्ति जता कर वह उसे भी नाराज नहीं करना चाहता।