भरोसे का संकट

राजेश कुमार चौहान, सुजानपुर टीहरा

प्रधानमंत्री मोदी देश में भ्रष्टाचार रोकने के लिए अपने कार्यकाल के शुरू से ही प्रयासरत हैं। इसके लिए मोदी सरकार ने कालेधन पर नकेल कसने के लिए नोटबंदी का फैसला लिया। इसके अलावा बैंक खातों को आधार से जोड़कर बैंकों के जरिए कालेधन का पता लगाने की कोशिश की जा रही, लेकिन पीएनबी की मुंबई स्थित एक शाखा में लगभग 11,360 करोड़ के घोटाले ने मोदी सरकार के इन सभी प्रयासों पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया। वैसे तो जब मोदी ने नोटबंदी का फैसला लिया था, तब भी कुछ बैंकों के कर्मचारियों की हेरा-फेरी की खबरें सामने आई थीं, लेकिन इस घोटाले ने आमजन को नकारात्मक संदेश दिया है। मोदी सरकार आयकर विभाग के साथ मिलकर हजारों-लाखों का टैक्स चोरी करने का नोटिस भेज रही है, लेकिन प्रश्न तो अब यह खड़ा होता है कि बैंक में इतना बड़ा घोटाला कैसे हो गया? सरकार और आयकर विभाग को इसकी खबर क्यों नहीं हुई?