भवन मालिकों को राहत की तैयारी

सरकार के कहने पर टीसीपी नियम-2018 में हुआ संशोधन

शिमला – नियमों की अनदेखी कर बनाए गए भवनों के मालिकों को राहत देने के लिए सरकार ने टाउन एंड कंट्री प्लानिंग नियम-2018 में संशोधन कर दिया है। इस पर एक महीने के भीतर लोगों से आपत्तियां व सुझाव मांगे गए हैं, जिसके बाद नए नियम लागू होंगे। इससे हजारों लोगों को फायदा पहुंचेगा। हाल ही में कैबिनेट ने नियमों में संशोधन का निर्णय लिया था, जिस पर शुक्रवार को नगर नियोजन विभाग ने नए नियम जारी कर दिए हैं। इससे अनधिकृत भवन या उसका हिस्सा सील करने के प्रावधान लागू किए जा सकेंगे। लोगों से एक माह के भीतर आपत्तियां व सुझाव आने के बाद विभाग इस पर दोबारा चर्चा होगी। इसके बाद सीलिंग एक्ट के संशोधन नियम यहां लागू किए जा सकेंगे। नियमों में संशोधन के बाद राज्य में होटलियरों से लेकर तीस हजार भवन मालिकों को बड़ी राहत मिलेगी। प्रदेश मंत्रिमंडल के फैसले पर धर्मशाला, शिमला व कुल्लू-मनाली के होटल मालिकों को राहत मिलेगी और वे अपनी आपत्तियां और सुझाव भी दे सकेंगे। एनजीटी ने प्रदेश में बिना अनुमति के बने भवन नियमित करने के लिए 5000 और दस हजार रुपए की पर्यावरण शेष राशि लगाने के आदेश दिए हैं। बिना अनुमति के बने होटलों के बिजली पानी काटने के आदेश जारी किए हैं, जिसके बाद बड़ी संख्या में होटल मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। उनका दबाव भी सरकार पर है। पहले भी पूर्व सरकार की ओर से एक्ट में संशोधन किया गया था। इसमें 100 फीसदी तक की डेविएशन नियमित करने का प्रस्ताव लाया था, जिसे बाद में हाई कोर्ट में चुनौती के बाद अवैध घोषित कर दिया गया और मामला यूं ही लटका रह गया।

तोड़फोड़ नहीं करना चाहती सरकार

सीलिंग एक्ट के नियम बनने के बाद भवन मालिक को उस हिस्से को पहले तो बंद करना होगा, जो अवैध तरीके से बना है। इसके बाद एक साल के भीतर इसे तोड़ना होगा या नियमित करवाना होगा। सीलिंग की प्रक्रिया के दौरान नगर नियोजन विभाग भवन मालिक को सुनवाई का मौका देगा और उसके बाद ही सीलिंग एक्ट में काम किया जाएगा। राज्य में टीसीपी एक्ट में पहले से ही सीलिंग एक्ट का प्रावधान था, लेकिन इसके नियम नहीं थे। राज्य सरकार कब्जा तोड़ने पर काम नहीं करना चाहती, बल्कि लोगों को राहत प्रदान करना चाहती है।