मांगों पर आंदोलन करेगा सर्व कर्मचारी संघ

चंडीगढ़ — हरियाणा सर्व कर्मचारी संघ ने राज्य सरकार वादाखिलाफी और जनसेवाओं का निजीकरण करने  का आरोप लगाते हुए चरणबद्व ढंग से राज्यव्यापी आंदोलन छेड़ने का ऐलान किया है। संघ प्रदेशाध्यक्ष धमवीर सिंह फौगाट और महासचिव सुभाष लांबा ने आज यहां जारी की गई एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आंदोलन की शुरूआत 26 फरवरी को खंड स्तर पर प्रदर्शन कर की जाएगी। अगले चरण में 14 से 20 मार्च तक प्रदेश के सभी मंत्रियों के आवासों पर प्रदर्शन किए जाएंगे और 21 से 27 मार्च तक जिला उपायुक्त कार्यालयों पर सामूहिक धरने दिए जाएंगे। कर्मचारी नेताओं के अनुसार जनसेवा के विभागों को निजीकरण और सार्वजनिक-निजी भागीदारी से बचाने के लिए जनता को भी आंदोलन के साथ लामबंद करने के लिये संघ दस मार्च से दस अप्रैल तक शहरों और गांवों में जनसभाएं की जाएंगी। आंदोलन के अगले चरण मे 27 अप्रैल को प्रदेश के कर्मचारी राज्यस्तरीय आक्रोश रैली कर अपनी ताकत का प्रदर्शन करेंगे। इन्होंने कहा कि सरकार ने कर्मचारियों की मांगों पर अगर इसके बाद भी अमल नहीं किया तो निर्णायक आंदोलन का ऐलान किया जाएगा। उन्होने बताया कि आंदोलन में सभी सरकारी, अर्द्ध सरकारी विभागों ,बोर्डों, निगमों, नगर निगमों, विश्विद्यालयों, पालिकाओं, परिषदों, पंचायती राज संस्थाओं, सहकारी समितियों में कार्यरत कच्चे और पक्के कर्मचारी शिरकत करेंगे। आंदोलन को सफल बनाने के लिए गत 14 फरवरी को रोहतक में आयोजित राज्य कार्यकारिणी की बैठक में ठोस योजना बनाई गई है। सर्वश्री फोगाट और लाम्बा ने बताया कि उनकी मांगों में दो वर्ष की सेवा पूरी कर चुके सभी अंश कालिक, अनुबंध, डीसी रेट, निश्चित अवधि के लिये नियुक्त कर्मचारी, शहरी और ग्रामीण टूयबैल आप्रेटर, ग्रामीण सफाई कर्मचारी, मैस वर्कर, कम्प्यूटर ऑपरेटर, प्रोग्रामर, अतिथि अध्यापक, फायर स्टाफ, राष्ट्रीय स्वास्थय मिशन, सर्व शिक्षा अभियान प्रोजेक्टों मे कार्यरत कर्मचारियों की सेवाएं पक्की करना, पक्का होने तक इन्हें समान काम के लिए समान वेतन देना,  ,ठेकेदारों के मार्फत लगे कर्मचारियों को सीधे विभागों के रोल पर रखने, एनपीएस समाप्त कर नये कर्मचारियों को पुरानी पैंशन योजना के दायरे में लाना, जनसेवा के विभागों के निजीकरण और पीपीपी जैसी नीतियों पर रोक लगाना आदि अन्य कई मांगे शामिल हैं।