रूट पर जल्द दौड़ेंगी लो-फ्लोर

प्रदेश में विवाद के चलते थम गए थे 308 बसों के पहिए

शिमला – केंद्र सरकार से जेएनएनयूआरएम के तहत मिली बसों में से ऑफ रूट हुई बसें जल्द ही रूटों पर दौड़ेंगी। इन ऑफ रूट हुई बसों को वास्तविक स्वरूप के तहत संचालन के लिए एचआरटीसी ने कवायद तेज कर दी है, ताकि इन बसों को शीघ्र ही सड़कों पर चलाया जा सके। एचआरटीसी द्वारा 23 फरवरी को निजी बस आपरेटरों से एक बैठक रखी गई है, जिसमें प्रावइेट बस आपरेटरों से आपत्तियां ली जाएंगी और उन रूटों पर टाइम टेबल सेट किया जाएगा, जहां इन बसों के साथ-साथ निजी बसें भी चलती हैं। इन रूटों पर जल्द ही बसें चलाने की उम्मीदे हैं, जिन रूटों पर प्राइवेट बसें नहीं चल रही हैं।  हिमाचल पथ परिवहन निगम को जेएनएनयूआरएम के तहत 791 बसें मिली थीं, जिनका संचालन क्लस्टर के तहत होना था, मगर निगम ने कुछ बसों को वास्तविक स्वरूप से हटकर अंतरराज्यीय रूटों पर भी दौड़ा दिया था, यहीं  से विवाद खड़ा हुआ। विवाद के बाद 308 बसें ऑफ रूट की गई थीं, जो मौजूदा समय में सड़कों के किनारों पर धूल फांक रही हैं। उच्च न्यायालय ने भी निगम को आदेश दिए थे कि बसों को वास्तविक प्रोजेक्ट के तहत ही चलाया जाए। उच्च न्यायालय के आदेशों पर निगम ने इन बसों को वास्तविक स्वरूप में चलाने के लिए योजना तैयार की है। इन बसों के संचालन के लिए निगम ने रूट परमिट को भी आवेदन कर दिया है। अब रूट परमिट मिलते ही और टाइम टेबल निर्धारित होते ही इन बसों का संचालन शुरू हो जाएगा। गौर हो कि केंद्र सरकार ने ये बसें शहरी क्षेत्रों में आवाजाही के लिए प्रदान की गई थीं। इनमें से कुछ ग्रामीण क्षेत्र भी कवर किए जाने थे, मगर निगम ने इन बसों में से कुछ बसों को वास्तविक स्वरूप से बाहर चला दिया था, जिस पर विवाद खड़ा हो गया था।