उन्होंने बताया कि भारत में मवेशियों की आबादी पूरे विश्व में सबसे ज्यादा है। भारत में मवेशियों की आबादी लगभग 30 करोड़ है और गोबर का उत्पादन प्रतिदिन लगभग 30 लाख टन है। कुछ यूरोपीय देश और चीन पशुओं के गोबर और अन्य जैविक अपशिष्ट का उपयोग ऊर्जा के उत्पादन के लिए करते हैं, लेकिन भारत में इसकी पूर्ण क्षमता का उपयोग नहीं हो रहा था। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के अंतर्गत अब इस दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं।
मवेशियों के गोबर, कृषि से निकलने वाले कचरे, रसोईघर से निकलने वाला कचरा, इन सबको बायोगैस आधारित उर्जा बनाने के लिए इस्तेमाल करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। गोबर धन योजना के तहत ग्रामीण भारत में किसानों, बहनों, भाइयों को प्रोत्साहित किया जाएगा कि वे गोबर और कचरे को सिर्फ कचरे के रूप में नहीं, बल्कि आय के स्रोत के रूप में देखें।