जब संस्थान खोले ही नहीं तो बंद कैसे होंगे

सुंदरनगर — मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि विपक्ष हो हल्ला कर रहा है कि संस्थान बंद किए जा रहे हैं। बंद तो तब होते जब खोले होते। जब संस्थान खोले ही नहीं गए तो बंद करने का सवाल ही नहीं उठता। संस्थान खोलना समस्या का समाधान नहीं है, बल्कि पर्याप्त स्टाफ  का होना भी आवश्यक है। चुनौतियों का दौर है और सरकार बनने के बाद अढ़ाई माह से काम करने में लगे हुए हैं। सुंदरनगर दौरे के दौरान एमएलएसएम कालेज में जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व की कांग्रेस सरकार ने 16 डिग्री कालेज बिना पर्याप्त बजट के ही खोलने की घोषणा कर दी। जब जांच की गई तो वित्त विभाग से रिपोर्ट आई कि एक कालेज को एक लाख का बजट का प्रावधान किया गया। विपक्षी दल बताए कि एक लाख से कौन से कालेज का भवन बनकर तैयार हो पाएगा। कांग्रेस ने मात्र नोटिफिकेशन के ऐसे ही कागज से कालेज बनाने का कार्य किया। शिमला से एक ही दिन में शिलान्यास पट्टिकाएं टांगने का काम कांग्रेस ने किया है। उन्होंने कहा कि इस बार मुख्यमंत्री न ऊपर का है और न निचले क्षेत्र का है। सिर्फ  इस बार मुख्यमंत्री बिल्कुल मध्यम वर्ग का है और बनाया गया है। इस बार कई झगड़े खत्म हुए हैं और अब की बार हरी और लाल टोपी का भी कल्चर खत्म हुआ है। सचिवालय में भी लोग टोपियों के चलन में चलते थे। चाहे दिल में न हो, टोपी से अपनापन दिखाते थे। उन्होंने कहा कि सीएम वे बनते हैं, जिन्हें मूंछे नहीं होती। उन्होंने प्रदेश की जनता से मुख्यमंत्री बनाने के बाद सरकार को चलाने में सहयोग देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जल्दबाजी में कुछ नहीं होगा और विचार-विमर्श करके ही काम होंगे। बच्चों की संख्या कम होती जा रही है। शिक्षा की गुणवत्ता और प्लेसमेंट के ऊपर भी विचार-विमर्श किया जा रहा है।

सेंट बीड्स कालेज की तर्ज पर देंगे गे्रच्युटी

सीएम ने कहा कि राज्य सरकार कालेज की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी। सेंट बीड्स कालेज शिमला की तर्ज पर कालेज प्राध्यापकों तथा स्टाफ  को ग्रेच्युटि तथा अवकाश के बदले वेतन जैसे लाभ प्रदान किए जाएंगे। इस अवसर पर  हिमाचल प्रदेश सहायता प्राप्त कालेज प्राध्यापक संघ के सदस्यों ने मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए 1.51 लाख रुपये का चेक भेंट किया।