मनी लांड्रिंग मामले में वीरभद्र सिंह को राहत

शिमला— मनी लांड्रिंग मामले में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को बड़ी राहत मिली है। वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह सहित अन्य तीन लोगों को सीबीआई की विशेष अदालत ने गुरुवार को जमानत दे दी है। अदालत ने वीरभद्र सिंह और अन्य लोगों को 50000 रुपए का जमानती बांड भरने को कहा है। अदालत द्वारा गत 12 फरवरी को वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह को सम्मन जारी किए गए थे। इस पर दोनों सीबीआई की अदालत में पेश हुए थे। दिल्ली की सीबीआई अदालत के विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार ने वीरभद्र सिंह और प्रतिभा सिंह के अलावा अन्य आरोपियों प्रेम राज, लवन कुमार रोच और यूनिवर्सल एप्पल एसोसिएट के मालिक चुन्नी लाल चौहान को भी जमानत दे दी। इन सभी आरोपियों को पचास हजार के निजी मुचलके और इतने ही जमानत राशि देनी होगी। जानकारी के अनुसार अदालत में सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से वकील नितेश राणा ने वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह व अन्य की जमानत याचिका का विरोध किया। वकील ने इनकी न्यायिक हिरासत की मांग की थी, लेकिन अदालत ने यह कहते हुए वीरभद्र सिंह और अन्य को जमानत दी कि ईडी ने पूछताछ के दौरान इनको गिरफ्तार नहीं किया था। इससे पहले अदालत ने बीते 12 फरवरी को पटियाला हाउस कोर्ट ने आरोपियों के लिए सम्मन जारी करते हुए कहा था कि प्रथम दृष्टि में उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। अदालत ने अब दस्तावेजों की स्क्रूटनी के लिए 25 अप्रैल की तारीख तय की है। उल्लेखनीय है कि वीरभद्र सिंह पर केंद्रीय मंत्री रहते हुए साल 2009-10 के दौरान आय से अधिक 10 करोड़ की संपत्ति अर्जित करने के आरोप हैं। इस मामले में सीबीआई ने 23 सितंबर, 2015 को वीरभद्र सिंह, उनकी धर्मपत्नी प्रतिभा सिंह और अन्यों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इसके बाद सीबीआई ने 26 सितंबर को शिमला, दिल्ली सहित 13 स्थानों पर रेड की थी। सीबीआई ने छापेमारी के दौरान कई अहम दस्तावेज, हार्ड डिस्क, पैन ड्राइव आदि मिलने का दावा किया था। इस पर ईडी की ओर से वीरभद्र सिंह, प्रतिभा सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। इस मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ अदालत में चालान पेश किया जा चुका है।