मेहनत से हकीकत में बदले सपने

आनी की सुरभि नेगी अब तहसीलदार

आनी – आनी क्षेत्र की पंचायत दलाश के गांव होआ की होनहार बेटी सुरभि ने एचएएस की परीक्षा उत्तीर्ण कर अपने सपने को हकीकत में बदला है। सुरभि नेगी पुत्री सत्यप्रकाश नेगी ने दसवीं तक की शिक्षा डीएवी स्कूल रामपुर से, जमा दो की शिक्षा डीएवी झाकड़ी से उत्तीर्ण की। उसके उपरांत एनआईटी हमीरपुर से बीटेक की डिग्री भी प्रथम स्थान में हासिल की। सुरभि ने लगभग दो वर्ष तक सैमसंग कंपनी में बतौर सीनियर सॉफ्टवेयर इंजीनियर बंगलूर में सेवाएं दीं, मगर सुरभि ने कुछ ऊंचा मुकाम हासिल करने की ठानी और सालाना 15 लाख रुपए पैकेज की नौकरी छोड़कर एचएएस की तैयारी की। उसने एचएएस की परीक्षा में दसवां रैंक प्राप्त किया है। अब सुरभि तहसीलदार के रूप में सेवाएं देंगी।  सुरभि के पिता सत्यप्रकाश ग्रामीण बैंक में प्रबंधक हैं, जबकि माता शीला नेगी आनी में खंड प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी के रूप में सेवारत हैं। सुरभि नेगी की बड़ी बहन मरीचिका नेगी डाक्टर और भाई अलक्ष्येंद्र सिंह नेगी नेवी में लेफ्टिनेंट हैं।

 

सुंदरनगर के अभिषेक ठाकुर छाए

सुंदरनगर  – मंडी जिला के सुंदरनगर उपमंडल के अंतर्गत आने वाली जयदेवी पंचायत के गांव धार के अभिषेक ठाकुर ने एचएएस परीक्षा उत्तीर्ण कर क्षेत्र का नाम रोशन किया है। अभिषेक की इस उपलब्धि से समूचे क्षेत्र व गांव में खुशी की लहर है। अभिषेक ठाकुर का चयन मुख्य कोषाधिकारी के पद पर हुआ है। अभिषेक ठाकुर ने मात्र 27 वर्ष की आयु में ही एचएएस परीक्षा उत्तीर्ण कर यह मुकाम हासिल किया है। अभिषेक ठाकुर की दसवीं तक की परीक्षा डीएवी स्कूल सुंदरनगर से हुई है। इसके बाद जमा दो तक की शिक्षा महावीर स्कूल सुंदरनगर से उत्तीर्ण की। इसके उपरांत अभिषेक ने इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में एनआईटी हमीरपुर से  बीटेक की डिग्री हासिल की। अभिषेक ठाकुर ने सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए इंटरनेट से ही जानकारी हासिल की और आज यह मुकाम हासिल किया। अभिषेक ठाकुर के पिता उमेश ठाकुर कृषि विकास अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं व माता बीना ठाकुर गृहिणी हैं। अभिषेक ठाकुर ने इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया है। धार गांव के गोपाल, मुकेश ठाकुर, अमन, चंद्रेश ठाकुर व अन्य गांववासियों ने अभिषेक की इस उपलब्धि पर शुभकामनाएं दीं।

रोहडू की कंचन भी एचएएस

रोहडू – एचएएस परीक्षा में उत्तीर्ण होकर रोहडू की डा. कंचन ने प्रदेश भर में क्षेत्र का नाम रोशन किया है। डा. कंचन आईजीएमसी शिमला डेंटल कालेज की स्टूडेंट रही हैं। कंचन की पहली से पांचवीं तक की शिक्षा प्राइमरी स्कूल भलूण में हुई है। छठी से लेकर बाहरवीं की शिक्षा पोर्टमोर स्कूल शिमला में हासिल की। डा. कंचन आम और निर्धन लोगों की सेवा करना चाहती हैं और इस सेवा का बेहतर माध्यम ही प्रशासनिक सेवा है, जिसे वे अपने जीवन में भी यथावत करना चाहती है। इससे पहले भी वह आईएस की परीक्षा का स्क्रीनिंग टेस्ट दो बार पास कर चुकी हैं। डा. कंचन के पिता बीआर चौहान एसएसबी में आसाम में सेवारत हैं और माता निर्मला चौहान रोहडू के अढाल वार्ड से जिला परिषद सदस्य हैं। अपनी इस उपलब्धि का श्रेय डा. कंचन माता-पिता की कड़ी मेहनत और मामा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में कार्यरत डिपार्टमेंट ऑफ हिस्ट्री के हैड बीके शिवराम के मार्गदर्शन को देती हैं।