रावी नदी के संरक्षण की खाई कसम

चंबा —अंतरराष्ट्रीय रिवर नेटवर्क  द्वारा समर्पित चंबा फर्स्ट अभियान के तहत चलाए जा रहे चंबा रिडिस्कवर्ड एवं  जनमत निर्माण अभियान के तहत बुधवार को डे ऑफ एक्शन के मौके पर पूरी दुनिया में होने वाले कायक्रमों में चंबा का नाम भी जुड़ गया है। इस अभियान के तहत जिला के विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। अभियान के सूत्रधार महेंद्र सलारिया की अगवाई में बुधवार को तड़ोली ट्राइवल मार्ट से  लेकर रावी नदी के किनारे आयोजन स्थल तक एक रैली निकाली गई तथा बाद में आयोजन स्थान पर एक यज्ञ किया गया। यज्ञस्थल पर मौजूद बुद्धिजीवियों ओर लोगों ने रावि नदी को हर हाल में बचाने की शपथ खाई। यह कार्यक्रम चंबा (तड़ोली) मंजरी गार्डन, होली, खड़ामुख, चरड़ा, राजनगर, करिया, शाहपुर कंडी में एक साथ हुआ। इस मौके पर सलारिया ने कहा कि कि रावी नदी का दोहन 1980 से ही शुरू हो गया तथा आज इसकी हालत दयनीय हो चुकी है नदी पर बनने वाले बांधों  के ऊपरी और निचले भाग ने या तो झील का रूप ले लिया है या वह सूख कर रह गई है 540 मेगावाट की चमेरा -1 परियोजना बनने से लगभग 12 किलोमीटर का क्षेत्र खत्म हो चुका है इसी प्रकार चमेरा चरण दो के बनने से 16.7 किलोमीटर का भी यही हालं हुआ है, जबकि चमेरा-तीन के बनने से 32 किलोमीटर तक रावि सूख चुकी है। उन्होंने कहा कि इन सभी मुद्दों पर शासन ओर प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने के उद्देश्य से 14 मार्च को विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। सलारिया ने बताया कि रावी नदी को हर हाल में बचाने को लेकर उनकी अगली कार्ययोजना में बड़ा भंगाल से लेकर खैरी तक रावी के अधिग्रहण क्षेत्र में पड़ने वाली पंचायतों के साथ मिल कर कूड़ा-कचरा प्रबंधन में लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी ताकि लोग रावि नदी में कचरा न फेंक सकें। इसके साथ उच्च न्यायलय के निर्देशानुसार 15 प्रतिशत बांध का पानी हर हाल में छुडवाना एवं रावी नदी के किनारे रहने वालों को नदी में कूड़ा कचरा न फेंकने हेतु जागरूक करना उनका मुख्य उद्देश्य है।