12 साल से छोटी बच्चियों से रेप पर हिमाचल में भी होगी फांसी

हरियाणा-राजस्थान की तर्ज पर कानून बनाएगी प्रदेश सरकार

शिमला— मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार महिला उत्पीड़न को रोकने के लिए कई तरह के प्रयास कर रही है। इसके साथ ही सरकार 12 साल से कम उम्र की लड़कियों के साथ दुराचार करने वालों को फांसी की सजा का प्रावधान करने पर विचार कर रही है। पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत में जयराम ठाकुर ने कहा है कि इस मामले में कानून लाने का प्रयास होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा के साथ कई प्रदेशों में 12 साल से कम उम्र की लड़कियों के साथ घिनौनी हरकत करने वालों को फांसी दिए जाने का प्रावधान है। बता दें कि अभी हाल ही में राजस्थान सरकार ने भी एक कानून पास किया है। इसके तहत 12 साल से कम उम्र की लड़कियों के साथ दुराचार करने वालों को फांसी दिए जाने का प्रावधान रखा है। मध्यप्रदेश व हरियाणा में भी ऐसा प्रावधान किया गया है। सरकार द्वारा सख्त कानून लाने से महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराध को रोकने में मदद मिलेगी। हिमाचल की बात करें तो देवभूमि भी महिलाओं के लिए असुरिक्षत होती जा रही है। महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की घटनाएं तो आम हो रही हैं, वहीं दुष्कर्म जैसे घिनौनी वारदातों से भी देवभूमि को शर्मसार होना पड़ रहा है। बीते दस सालों में राज्य में दुष्कर्म की वारदातें लागभग दोगुनी हो गई हैं। आंकड़ों के अनुसार साल 2007 में राज्य में दुष्कर्म की 158 वारदातें विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज की गई थीं, जो कि साल 2017 में बढ़कर 248 के करीब तक पहुंच गई हैं। साल 2008 में राज्य में दुष्कर्म के 157 मामले दर्ज किए गए, साल 2009 में 182 मामले दुष्कर्म सामने आए। हालांकि साल 2010 में इन वारदातों में थोड़ी कमी जरूर आई और ये घटकर 160 के करीब रह गईं, लेकिन इसके बाद ये मामले बढ़े हैं। साल 2011 में राज्य के थानों में दुष्कर्म के 168 और साल 2012 में 183 मामले दर्ज किए गए। साल 2013 में इन वारदातों में बेतहाशा बढ़ोतरी देखी गई और उक्त अवधि में राज्य में दुष्कर्म के 250 मामले दर्ज किए गए। इसके बाद साल 2014 में 284 मामले दर्ज किए गए, हालांकि साल 2015 में इनमें कुछ कमी देखी गई और इस दौरान 244 मामले दर्ज किए गए। वहीं साल 2016 में थानों में 253 मामले और साल 2017 में दुष्कर्म के 248 मामले दर्ज किए गए।  हालात ये हैं कि छोटी लड़कियों को भी अपराधी अपना शिकार बना रहे हैं। समय की मांग है कि इसके लिए कड़े कानून बनाए जाएं। ऐसे में यदि सरकार 12 साल से कम उम्र की लड़कियों से दुष्कर्म के अपराधियों को फांसी की सजा का प्रावधान करती है तो इससे इस तरह के अपराधों पर रोक लगेगी।