ट्राउट-कार्प कल्चर सीखेंगे मत्स्य पालक

आरकेवीवाई के तहत दयोली में ट्रेनिंग के लिए लगेंगे दो कैंप

बिलासपुर – हिमाचल के मत्स्यपालक अब ट्राउट और कार्प कल्चर के प्रति ट्रेंड होंगे। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) में इस साल से मत्स्य विभाग ने ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए नई व्यवस्था लागू की है। अब मत्स्यपालकों को कौशल विकास एवं क्षमता निर्माण (स्किल डिवेलपमेंट एंड कैपेसिटी बिल्डिंग) की ट्रेनिंग दी जाएगी। कुल्लू के पतलीकूहल में ट्राउट कल्चर के बाद अब प्रदेश भर के किसानों को बिलासपुर के घागस स्थित दयोली मत्स्य फार्म में कार्पकल्चर की ट्रेनिंग प्रदान की जाएगी। खास बात यह है कि ट्रेनिंग के दौरान रहन-सहन, खानपान और आवागमन इत्यादि का पूरा खर्चा विभाग की ओर से वहन किया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद बाकायदा प्रमाणपत्र भी प्रदान किए जाएंगे। मत्स्य निदेशक सतपाल मेहता ने बताया कि हाल ही में पतलीकूहल में ट्राउट मछली पालन पर प्रदेश के पचास किसानों को तीन दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया है।  इसमें मछलीपालन के लिए स्थान का चुनाव करना, मछली की गुणवत्ता के साथ ही मछली में पैदा होने वाले रोगों के निदान इत्यादि के बारे में विस्तृत जानकारी किसानों को दी गई। जल्द ही जिला के दयोली मत्स्य फार्म में दो ट्रेनिंग का आयोजन किया जाएगा, जिसका शेड्यूल जल्द जारी किया जाएगा। 50-50 किसानों को ट्रेनिंग में मछलीपालन के गुर सिखाए जाएंगे। मछली की मार्केटिंग के बारे में भी विस्तृत रूप से जानकारी दी जाएगी। एक्सपोजर विजिट के तहत किसानों को फील्ड में ले जाकर मत्स्यपालकों के साथ इंट्रोड्यूज करवाया जाएगा, ताकि आमने-सामने बैठकर मछली पालन की बारीकियों के बारे में किसानों को ज्यादा से ज्यादा जानकारी मिल सके।

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