ट्रेनी कंडक्टरों से एचआरटीसी को घाटा

हर रोज लगा रहे हजारों का टांका, अब तक 60 को दिखाया बाहर का रास्ता

हमीरपुर— एचआरटीसी में ट्रेनी कंडक्टर निगम को रोजाना हजारों रुपए का टांका लगा रहे हैं। निगम को इन कंडक्टरों से सेवाएं लेना महंगा पड़ रहा है। निगम के उड़नदस्ते ने दो महीने के अंदर चार दर्जन से अधिक प्रशिक्षु कंडक्टरों को नौकरी से बाहर का रास्ता दिखाया है, जबकि एक दर्जन प्रशिक्षुओं के खिलाफ राज्य के विभिन्न थानों में एफआईआर दर्ज करवाई गई है। एचआरटीसी एक हजार करोड़ रुपए के वित्तीय घाटे के बोझ से दबा पड़ा है। निगम ने घाटे से उबरने के लिए बेरोजगार युवाओं को बसों में प्रशिक्षण देने की योजना बनाई थी। इसके चलते प्रशिक्षु कंडक्टरों से 25 रुपए प्रति घंटे सेवाएं ली जा रही हैं। प्रशिक्षु कंडक्टरों को आठ घंटे में 200 रुपए दिए जा रहे हैं, लेकिन प्रशिक्षु कंडक्टर निगम की बसों में हर रोज हजारों रुपए का चूना लगा रहे हैं। उड़नदस्तों ने दो महीने के अंदर 50 प्रशिक्षुओं से 15 हजार के करीब टांका रंगे हाथ पकड़ा है, जिन्हें प्रशिक्षण से हाथ धोना पड़ा है। 12 प्रशिक्षुओं के खिलाफ प्रदेश के विभिन्न थानों में एफआईआर भी दर्ज करवाई गई है। वे भविष्य में एचआरटीसी में नौकरी नहीं कर सकेंगे। एचआरटीसी के चीफ जनरल मैनेजर एचके गुप्ता का कहना है कि निगम की फ्लाइंग टीमों ने राज्य भर में 50 के करीब प्रशिक्षु कंडक्टरों को टांका लगाते रंगे हाथ पकड़ा है। एचआरटीसी में टांका मार प्रशिक्षु कंडक्टर माफिया की तरह काम कर रहे हैं। पकड़े जाने पर दूसरे डिपो के जरिए निगम की बसों में टांका लगा रहे हैं। प्रशिक्षु कंडक्टरों के खिलाफ कोई पालिसी न होने के चलते यह कंडक्टर बिना किसी डर के टांका लगा रहे हैं।

किसी यात्री को नहीं दिया टिकट

प्रशिक्षु कंडक्टर पूरी बस को ही टांका लगा रहे हैं। फ्लाइंग टीम ने प्रशिक्षुओं को दस से लेकर 2093 रुपए तक टांका लगाते रंगे हाथ पकड़ा है। एक बार पूरी बस में ही किसी भी यात्री को टिकट नहीं दिया गया था। इसके अलावा एक बस में 35 यात्री सफर कर रहे थे, इनमें से सिर्फ एक ही यात्री को टिकट थमाया गया था।

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