देश स्वच्छ क्यों नहीं!

शगुन हंस, योल

अभियान तो बहुत चलते हैं स्वच्छता के लिए, पर शायद ये सब दिखावे के ही होते हैं। दिल्ली में प्रधानमंत्री स्वच्छता पर मन की बात करते हैं और दिल्ली कितना दूषित है उन्हें शायद खबर नहीं है। जरा रेलवे लाइन के पास झुग्गी-झोंपडि़यों और जगह-जगह लगे कचरे के ढेरों पर नजर डालें, तो लगता ही नहीं कि यहां कभी स्वच्छता अभियान चला हो। समाचार तो शुरू-शुरू में ऐसे आए कि जहां नेता ने स्वच्छता अभियान के लिए आना था, वहां पर पहले कचरा बिखेरा गया और फिर कैमरे के सामने मंत्री ने वह कचरा साफ किया, यही है स्वच्छता अभियान। भारत में जो दिखता है वह होता नहीं और जो होता है वह दिखता नहीं। इधर नेता स्वच्छता अभियान पर भाषण दे कर आता है और उधर सड़क किनारे उनका पेशाब करते हुए वीडियो वायरल हो जाता है। स्वच्छता के लिए पहले मन बनाना पड़ेगा, संकल्प लेना पड़ेगा। कैमरे के सामने ऐसे अभियान देश को स्वच्छ नहीं कर सकते, क्योंकि इस अभियान में भी राजनीति जगह ढूंढ लेती है। हमारे मंत्री-नेता विदेशों में घूमते हैं, क्या कभी उन्होंने अपने देश की स्वच्छता की तुलना दूसरे देशों से की है? दूसरे देश स्वच्छ इसलिए हैं, क्योंकि वहां स्वच्छता अभियान नहीं चलाए जाते, बल्कि वहां के लोग स्वच्छता को अपनी आदत बना चुके हैं और आदतें कभी नहीं बदलती। इन नेताओं ने वाहवाही के चक्कर में कई अभियान चला दिए, कई योजनाएं चला दीं, पर देश आज भी फटेहाल है।

जीवनसंगी की तलाश हैतो आज ही भारत  मैट्रिमोनी पर रजिस्टर करें– निःशुल्क  रजिस्ट्रेशन करे!