प्राइवेट स्कूलों के लिए बसें चलाए एचआरटीसी

कांगड़ा जिला के तहत नूरपूर में हुए निजी स्कूली बस के सड़क हादसे के बाद प्रशासन ने सख्त रवैया अपनाया है। इसके चलते निजी स्कूलों में लगी प्राइवेट गाडि़यों और बिना परमिट की बसों को बंद तो कर दिया गया है, जिससे अभिभावकों पर आर्थिक बोझ पड़ रहा है। अभिभावक वर्ग का कहना है कि एचआरटीसी के पास जो अतिरिक्त बसें बिना रूट के खड़ी हैं, उन्हें बच्चों को स्कूल लाने और ले जाने के लिए लगाना चाहिए। ‘दिव्य हिमाचल’ के इस मसले को लेकर अभिभावकों की राय जानी तो अभिभावकों ने कुछ यूं रखी अपनी रायः

उचित कदम उठाएं

ऊना के गब्बर सिंह का कहना है कि सरकार की ओर से बनाए गए नए नियमों के तहत आपरेटर मनमानी कर रहे हैं। वहीं, कई बार तो बच्चों को स्वयं स्कूल छोड़ने जाना पड़ रहा है। इस ओर सरकार, प्रशासन को उचित कदम उठाने चाहिए।

समाधान करना चाहिए

ऊना के गुरप्रीत सिंह ने कहा कि सरकार, प्रशासन हादसे के बाद ही कार्रवाई करते हैं। नियमों की अवहेलना होने पर सख्त कार्रवाई अमल में लाई जानी चाहिए। सरकार को समस्या समाधान के लिए एचआरटीसी की बसों को रूट पर लगाना चाहिए।

कड़ी कार्रवाई करें

ऊना के तारा सिंह ने कहा कि अभिभावकों को अपने नौनिहालों को स्कूल छोड़ने के लिए कई समस्याएं झेलनी पड़ रही हैं। इन समस्याओं के समाधान के लिए सरकार, प्रशासन को उचित कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहा कि मनमानी करने वालों के खिलाफ प्रशासन सख्त कार्रवाई करे।

अभिभावकों का बोझ कम होगा

ऊना के जसवंत ने कहा कि सरकार द्वारा निजी स्कूलों में छात्रों को लाने और ले जाने के लिए लगाना चाहिए। इससे जहां अभिभावकों का आर्थिक बोझ कम होगा। वहीं, दूसरी ओर सरकार की योजना का लाभ भी मिलेगा।

सरकार से मांगी बसें

ऊना के अनूप शारदा ने कहा कि सरकार द्वारा यदि सख्ती की गई है तो इसका समाधान भी करना चाहिए। सरकार के पास बिना परमिट वाली कई बसें खड़ी हैं। जिन्हें बच्चों की सुविधा के लिए रूट लगाना चाहिए।

समस्या झेलनी पड़ रही है

ऊना के सोहन सिंह ने कहा कि बच्चों को स्कूल लाने और ले जाने के लिए समस्या झेलनी पड़ रही है। एक तो आपरेटरों की मनमानी बढ़ गई है। वहीं, दूसरी ओर इनकी मनमानी रोकने वाला कोई भी नहीं दिख रहा है। इसके चलते सरकार को इस समस्या का समाधान करना चाहिए।

जीवनसंगी की तलाश हैतो आज ही भारत  मैट्रिमोनी पर रजिस्टर करें– निःशुल्क  रजिस्ट्रेशन करे!