फसल जलाने पर धारा-144 लागू

यमुनानगर के डीसी ने जारी किए आदेश, 31 मई तक रहेंगे

यमुनानगर – जिलाधीश विजय कुमार ने दंड प्रक्रिया नियमावाली 1973 की धारा -144 के तहत आदेश जारी कर तुरंत प्रभाव से संपूर्ण-समस्त यमुनानगर जिला में गेहूं की फसल के बचे हुए अवशेषों को जलाने पर प्रतिबंध लगा दिए हैं जो 31 मई तक प्रभावी रहेंगे। उपरोक्त आदेशों की अवहेलना में यदि कोई व्यक्ति दोषी पाया जाता है तो वह भारतीय दंड संहिता की धारा.188 सपठित वायु एवं प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम 1981 के तहत दंड का पात्र होगा और उसके खिलाफ  कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जिलाधीश विजय कुमार द्वारा जारी किए गए आदेशों में बताया गया है कि यमुनानगर जिला की सीमा के भीतर गेहूं की फसल की कटाई के बाद फानों को जला दिया जाता है। गेंहू के इन अवशेषों को जलाने से होने वाले प्रदूषण से मनुष्य के स्वास्थ्य, संपत्ति की हानि, तनाव, क्रोध या मानव जीवन को भारी खतरे की संभावना बनी रहती है। आग लगने से आसपास के क्षेत्रों में जान-माल की हानि भी हो सकती है। फसल अवशेषों से पशुओं के लिए भूसा बनाया जा सकता है। जिलाधीश ने आगे बताया कि जिला में गेहूं की कटाई का कार्य शुरू हो गया है। फसल कटाई के कार्य को देखते हुए सभी लोगों को चाहिए कि वे आग लगने की घटनाओं को रोकने में अपना पूरा सहयोग दें और गेहूं की फसल के फानों एवं अवशेषों में आग बिल्कुल न लगाएं। यदि कोई ऐसा करेगा तो उसे जुर्माना भी भरना पड़ेगा। विजय कुमार ने गेहूं की खरीद संबंधी कार्यो में लगे अधिकारियों को निर्देश दिए है कि अनाज मंडियों में पेयजल व्यवस्था, सफाई व्यवस्था, बिजली व्यवस्था आदि सुविधाओं का विशेष ध्यान रखें। उन्होंने किसानों से अपील की है कि वे अपनी गेहूं की फसल को अच्छी प्रकार से सुखाकर एवं साफ  करके ही मंडियों में लाएं ताकि उन्हें अपनी फसल का उचित मूल्य भी  मिल  सके।

अपने सपनों के जीवनसंगी को ढूँढिये भारत  मैट्रिमोनी पर – निःशुल्क  रजिस्ट्रेशन!