फाइलों में चल रहे इंग्लिश मीडियम स्कूल

शिक्षा विभाग का प्रदेश में कुछ विषय अंग्र्रेजी में पढ़ाने का दावा भी हवा-हवाई, हकीकत कुछ और

धर्मशाला – हिमाचल प्रदेश में सरकारी स्कूलों में गुणवत्ता बढ़ाए जाने के दावे हवा-हवाई होते हुए नजर आ रहे हैं। शिक्षा विभाग की फाइलों में प्रदेश भर में हजारों की संख्या में स्कूलों में इंग्लिश मीडियम पढ़ाया जा रहा है। इतना ही नहीं, कुछ स्कूलों में एक-दो विषयों को इंग्लिश में पढ़ाने का दावा भी हवा-हवाई होता हुआ नजर आ रहा है। ऐसे में सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर कैसे सुधर पाएगा। शिक्षा विभाग और सर्वशिक्षा अभियान के तहत फाइलों में इंग्लिश मीडियम स्कूलों की गिनती लगातार बढ़ रही है, जबकि जमीनी हकीकत में सरकारी स्कूल इंग्लिश मीडियम से कोसों दूर चल रहे हैं। इससे अब सरकार और विभाग के प्राइवेट स्कूलों को टक्कर देने की बात भी नहीं बन पा रही है। केंद्र सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों में नामांकन संख्या के गिरते हुए ग्राफ को देखते हुए सर्वशिक्षा अभियान के तहत सर्वे करवाया गया था, जिसमें अभिभावकों, माता-पिता और उनके रिश्तेदारों से बच्चों को सरकारी स्कूल में न भेजने का कारण भी पूछा गया था। इसके आधार पर सर्वशिक्षा अभियान में रिपोर्ट तैयार की गई थी, जिसमें अधिकतर लोगों ने इंग्लिश मीडियम न होने की बात कहकर सरकारी स्कूलों में कम रुचि लेने की बात कही थी। इसके आधार पर केंद्र सरकार ने एसएसए के तहत सरकारी स्कूलों में इंग्लिश मीडियम में पढ़ाए जाने के निर्देश जारी किए थे। इसके चलते हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग ने राज्य के स्कूलों को इंग्लिश मीडियम करने के निर्देश जारी किए थे। इसके तहत प्रदेश भर में आरएमएसए और एसएसए के तहत अध्यापकों को विशेष प्रशिक्षण भी करवाए गए हैं। बाबजूद इसके जमीनी स्तर पर स्कूलों में इंग्लिश मीडियम के नाम पर कुछ भी नहीं हो पा रहा है। कुछेक गिनती के स्कूलों में इंग्लिश मीडियम में पढ़ाई करवाई जा रही है, जबकि अन्य स्कूलों को विभागीय फाइलों में दर्शाने के लिए ही इंग्लिश मीडियम स्कूल चलाए जाने की बातें की जा रही हैं। शिक्षा विभाग और एसएसए के अधिकारी-कर्मचारी इंग्लिश मीडियम की रिपोर्ट आफिस में स्कूलों को फोन करके ही बना रहे हैं। प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक कांगड़ा दीपक किनायत ने बताया कि विभाग ने कुछ स्कूलों को पूरी तरह से इंग्लिश मीडियम घोषित किया है। 100 से ज्यादा स्कूलों में मैथ्स और साइंस विषय को इंग्लिश मीडियम में पढ़ाया जा रहा है। अभिभावकों के कहने पर अन्य स्कूलों में भी इंग्लिश मीडियम को शुरू किया जाएगा।

मात्र टेबलों पर बैठ बन रही रिपोर्ट

प्रदेश में 600 से अधिक सरकारी स्कूलों में छात्रों की नामांकन संख्या मात्र 0-5 पहुंच गई है। प्राइवेट स्कूलों को टक्कर देने वाले सरकारी स्कूलों की रिपोर्ट मात्र टेबलों पर बैठकर ही बन रही है, जो कि शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल उठा रही हैं।

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