फोरलेन से कछियारी गांव बाहर

एनएचएआई ने धर्मशाला-शिमला सड़क की जद में आए रिहायशी क्षेत्र को दी राहत

हमीरपुर— धर्मशाला-शिमला फोरलेन से कछियारी का रिहायशी गांव बाहर कर दिया गया है। अब अढ़ाई सौ मीटर फोरलेन खड्ड से उस पार से बनेगा। कछियारी बाइपास से लेकर ज्वालामुखी तक थ्रीडी सर्वे पूरा कर लिया गया है। इसके तहत 40 किलोमीटर इस फोरलेन में 1106 भवन गिरेंगे और 483 करोड़ के करीब मुआवजा मिलेगा। इसमें स्ट्रक्चर तथा लैंड दोनों की वेल्यू शामिल है। एनएच अथारिटी ऑफ इंडिया ने पैकेज फाइव ज्वालामुखी-कछियारी का थ्रीडी सर्वे का खाका तैयार कर लिया है। अब इसकी स्पॉट वेरीफिकेशन की जा रही है। दो सप्ताह में थ्रीडी नोटिफिकेशन पब्लिश करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके बाद स्पष्ट हो जाएगा कि कछियारी से लेकर ज्वालामुखी तक कौन-कौन भवन और जमीन का हिस्सा फोरलेन की जद में आ रहा है।  अथॉरिटी  ने जनता की मांग पर कछियारी बाइपास सड़क मार्ग का प्रारूप बदला है। कछियारी पुल स्थित शोरूम के समीप पठानकोट-मंडी और धर्मशाला-शिमला का जंक्शन प्वाइंट बनेगा। दो फोरलेन को जोड़ने वाले इस प्वाइंट से अब शिमला का सड़क मार्ग कछियारी के रिहायशी इलाके से नहीं निकलेगा। इस सड़क मार्ग को खड्ड के उस पार मोड़ दिया है। कुल 257 मीटर सड़क मार्ग रिहायशी इलाके के सामने खड्ड पार से ज्वालामुखी की तरफ निकाला गया है। इसके लिए फोरलेन परियोजना अधिकारी ईजीनियर हरीश रावत ने खुद ऑन स्पॉट विजिट कर स्थानीय लोगों को उजड़ने से राहत दिलाई है। बहरहाल कछियारी से लेकर ज्वालामुखी तक के 40 किलोमीटर सड़क मार्ग में 1106 छोटे-बड़े भवन फोरलेन की चपेट में आ रहे हैं। फोरलेन परियोजना के दृष्टिगत यह अब तक का सबसे कम विस्थापन होगा।  जाहिर है कि धर्मशाला-शिमला फोरलेन मे मध्य आठ बाइपास बनेंगे। इनकी लंबाई 46 किलोमीटर होगी। इसके साथ ही आठ किलोमीटर लंबी आठ सुरंगों का निर्माण होगा। इसके चलते 223 किलोमीटर लंबे इस मार्ग की फोरलेन की लंबाई 203 किलोमीटर रह जाएगी।  इसके लिए 30 से लेकर 45 मीटर तक दोनों तरफ भू-अधिग्रहण होगा।  शिमला आईएसवीटी के समीप न्यू पार्किंग से लेकर हीरानगर तक राजधानी में तीन छोटी-छोटी टनल बनेंगी। इन तीनों टनल की कुल लंबाई 2561 मीटर की होगी। घणाहट्टी की पहाड़ी को काटकर दो अलग-अलग टनल बनेगी। शिमला की तरफ से पहली टनल 300 मीटर और दूसरी 450 मीटर लंबी होगी। दाड़लाघाट के समीप 3510 मीटर की लंबी टनल बनेगी। इस सुरंग निर्माण से दानोघाट को पिपलूघाट से जोड़ा जाएगा। नादौन शहर के समीप 620 मीटर लंबी टनल का निर्माण होगा। नादौन तट पर स्थित ब्यास पुल को सीधा गगाल के समीप टनल से जोड़ा जाएगा।  इस मार्ग पर एकमात्र कांगड़ा टनल की लंबाई बढ़कर 160 मीटर हो जाएगी। इसके लिए दाएं ओर नई टनल का निर्माण होगा। मौजूदा टनल की लंबाई 50 मीटर के करीब है। इसके साथ ही घणाहट्टी के बाहर 1650 मीटर का बाइपास बनेगा। इसी बाइपास के बीच दो टनल बनेंगी। इस फोरलेन का सबसे बड़ा बाइपास दाड़लाघाट में 14 किलोमीटर लंबा होगा। शालाघाट से दानोघाट होकर पिपलूघाट को जोड़ने वाला यह बाइपास सीधा भराड़ीघाट निकलेगा। घुमारवीं शहर के बाहर छह किलोमीटर लंबे बाइपास का का निर्माण होगा। शहर से चार किलोमीटर पहले दाईं ओर मुड़ने वाला बाइपास सीधा घुमारवीं पुल से जुड़ेगा। कुल 4.8 किलोमीटर का हमीरपुर बाइपास अब 10 किलोमीटर लंबाई का बनेगा। भोटा के समीप से बनने वाला नया बाइपास सीधा सलासी से जुडे़गा। नादौन गगाल को मझीण चौक से जोड़ने के लिए अढ़ाई किलोमीटर लंबा बाइपास बनेगा। इसी बाइपास में टनल का निर्माण भी शामिल है। ज्वालामुखी माया होटल के समीप से मंदिर के दूसरे छोर की तरफ छह किलोमीटर लंबा बाइपास बनेगा। एसएसबी स्थित सपड़ी कैंप के आगे निकाला जाएगा। दौलतपुर कांगड़ा टनल के समीप दौलतपुर चौक के बाहर से दो किलोमीटर लंबा बाइपास बनेगा। इसे चौक से एक किलेमीटर पहले मोड़ दिया जाएगा और पुल के समीप जोड़ा जाएगा।

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