मनाली-कुल्लू के कूड़े से बिजली

दोनों शहरों का कचरा एकत्र करने के लिए सरकार की योजना

 शिमला— प्रदेश के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल मनाली और कुल्लू को सुंदर बनाए रखने के लिए अब राज्य सरकार कदम उठाएगी। इन शहरों में एकत्र होने वाले कूड़े से बिजली बनाई जाएगी, ताकि कूड़े को सही तरह से ठिकाने लगाया जा सके।  दोनों शहरों की सुंदरता को दाग लगी रही इस गंदगी को साफ करने के लिए इससे बेहतर उपाय नहीं होगा, लिहाजा सरकार ने इसका फैसला ले लिया है। सूत्रों के अनुसार इस संबंध में बुधवार को एक उच्च स्तरीय बैठक कुल्लू में हुई है, जिसमें अतिरिक्त मुख्य सचिव तरुण कपूर पहुंचे थे। बताया जाता है कि मनाली शहर में रोजाना 35 टन के करीब कूड़ा एकत्र होता है, जिसे ठिकाने लगाने के लिए कोई ऐसी व्यवस्था नहीं है, जिससे कूड़े को वैज्ञानिक तरीके से ठिकाने लगाया जा सके। यही हाल कुल्लू शहर का भी है, जहां पर रोजाना 20 टन के करीब कूड़ा एकत्र होता है। प्रदेश का शहरी विकास विभाग इन शहरों के आसपास की पंचायतों का कूड़ा भी वहां एकत्र करवाएगा और यह कूड़ा फिर बिजली बनाने में काम आएगा। इन दोनों शहरों में एक-एक मेगावाट के संयंत्र स्थापित किए जाएंगे, जो कि निजी क्षेत्र की सहभागिता से चलेंगे। इन पर करीब  40 से 50 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। इससे पहले राजधानी शिमला में भी इस तरह का नगर निगम के माध्यम से स्थापित किया गया है, जिसमें शहर के कूड़े से बिजली तैयार की जा रही है।

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